बजट 2025 की घोषणा 1 फरवरी को होने वाली है, और इसके साथ ही आम लोग और इंडस्ट्री को नई उम्मीदें हैं। यह मोदी सरकार के तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट होगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जा सकता है। इस बार की एक बड़ी संभावना यह जताई जा रही है कि सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर GST (Goods and Services Tax) लागू करने का ऐलान कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।
इस समय, देश में पेट्रोल की औसत कीमत 94 रुपये से 103 रुपये के बीच है, जबकि डीजल की कीमत 87 रुपये के आसपास है। इन कीमतों में बदलाव आने से आम जनता को राहत मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि सरकार पेट्रोल और डीजल को GST के तहत लाती है, तो इससे इनकी कीमतों में कमी आएगी, क्योंकि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं, जिनका असर इनकी कीमतों पर पड़ता है।
पेट्रोल-डीजल पर फिलहाल कौन-कौन से टैक्स लागू हैं?
वर्तमान में, पेट्रोलियम उत्पादों जैसे पेट्रोल, डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) पर केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों की तरफ से VAT (Value Added Tax) लगाया जाता है। हर राज्य में VAT की दरें अलग होती हैं, जिसके कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती हैं।
2017 में GST लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य “वन नेशन, वन टैक्स” था। लेकिन, पेट्रोलियम उत्पादों को GST से बाहर रखा गया था। अब यदि सरकार इन उत्पादों को GST के दायरे में लाने का निर्णय करती है, तो इससे पूरे देश में एक समान टैक्स संरचना लागू हो सकेगी। इसका परिणाम यह हो सकता है कि सभी राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक जैसी हो जाएं।
GST लागू होने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कैसे कमी आ सकती है?
GST लागू होने से पेट्रोल और डीजल पर लगाए जा रहे अलग-अलग टैक्सों को हटाया जा सकेगा और केवल एक ही टैक्स लागू होगा। इसके परिणामस्वरूप, फ्यूल की कीमतें घट सकती हैं। वर्तमान में, पेट्रोल और डीजल की कीमतें चार प्रमुख घटकों से मिलकर बनती हैं:
- इसमें फ्यूल की प्रोडक्शन और ट्रांसपोर्टेशन की लागत शामिल होती है।
- बेसिक कीमत में डीलर का कमीशन जोड़ा जाता है।
- यह टैक्स केंद्र सरकार की तरफ से लगाया जाता है।
- यह राज्य सरकारों द्वारा लागू किया जाता है।
GST लागू होने पर एक्साइज ड्यूटी और VAT दोनों हट जाएंगे, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने की संभावना है।
GST लागू होने से क्या लाभ होंगे?
- GST लागू होने से पेट्रोल और डीजल की कीमतें पूरे देश में समान हो जाएंगी। वर्तमान में, विभिन्न राज्यों में अलग-अलग VAT दरें होने के कारण कीमतें अलग-अलग होती हैं, लेकिन GST लागू होने पर सभी राज्यों में एक समान कीमतें लागू होंगी।
- फ्यूल की कीमतों में गिरावट आने से ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी। इसका सकारात्मक असर प्रोडक्ट्स की कीमतों पर भी पड़ेगा, जिससे ग्राहकों को फायदा होगा।
- GST के तहत व्यापारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिलेगा, जिससे उनकी लागत में कमी आएगी।
इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने सरकार से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी और इससे लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी। इसका प्रभाव अंततः प्रोडक्ट्स की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे आम जनता को भी राहत मिलेगी।
हालांकि, इस मामले में एक बड़ी चुनौती यह है कि पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स वसूलने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है, और वे अपने राजस्व के लिए इस पर निर्भर हैं। इसलिए, सरकार को राज्यों के साथ इस पर सहमति बनाने में समय लग सकता है।
क्या बजट 2025 में GST पर कोई ऐलान होगा?
यह संभव है कि बजट 2025 में सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने का ऐलान न करे, लेकिन इसके बारे में संकेत जरूर दे सकती है। पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने से संबंधित निर्णय के लिए सरकार को राज्यों से सहमति प्राप्त करनी होगी, क्योंकि VAT एक बड़ा राजस्व स्रोत है।
अंत में, अगर यह निर्णय लिया जाता है, तो इससे देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है और आम जनता को राहत मिल सकती है।