![क्या ट्रेन में गाय और भैंस ट्रांसपोर्ट की जा सकती हैं? यहां जानें पूरा जवाब](https://rcisgbau.in/wp-content/uploads/2025/02/sIndian-Railway-Rules-1024x576.jpg)
अगर आप ट्रेन के जरिए अपने मवेशी (गाय और भैंस) को एक शहर से दूसरे शहर भेजना चाहते हैं, तो भारतीय रेलवे इसके लिए एक विशेष प्रक्रिया उपलब्ध कराता है। जिस तरह वाहन को ट्रेन में बुक किया जाता है, उसी तरह मवेशियों की भी बुकिंग करवाई जा सकती है। हालांकि, इसके लिए कुछ नियम और शर्तें निर्धारित हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होता है। आइए जानते हैं कि कैसे आप अपने मवेशियों को ट्रेन में भेज सकते हैं, इसके लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं, और इस पूरी प्रक्रिया में कितना किराया लगता है।
अगर आप ट्रेन के जरिए अपने मवेशियों को एक शहर से दूसरे शहर भेजना चाहते हैं, तो सभी नियमों और प्रक्रियाओं को ठीक से समझना जरूरी है। रेलवे इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है, लेकिन इसके लिए सही तरीके से बुकिंग कराना, जरूरी कागजात उपलब्ध कराना और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का पालन करना अनिवार्य होता है।
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कैसे कराएं मवेशियों की बुकिंग?
अगर आपको गाय और भैंस को ट्रेन में लेकर जाना है, तो इसके लिए पहले से बुकिंग करवानी होगी। यह बुकिंग रेलवे के पार्सल ऑफिस में जाकर की जाती है। रेलवे के नियमों के अनुसार, कैटल वैन (Cattle Van) या स्पेशल पार्सल वैन (Special Parcel Van) में ही मवेशियों को भेजने की अनुमति दी जाती है। बिना उचित बुकिंग और प्रमाणपत्र के मवेशियों को ट्रेन में ले जाना गैरकानूनी होता है।
बुकिंग के लिए जरूरी दस्तावेज
मवेशियों को ट्रेन में भेजने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
- पशु चिकित्सक प्रमाणपत्र (Veterinary Certificate) – यह प्रमाणपत्र यह सुनिश्चित करता है कि मवेशी स्वस्थ हैं और सफर के लिए फिट हैं।
- बुकिंग रसीद (Parcel Booking Receipt) – यह रेलवे से प्राप्त एक आधिकारिक दस्तावेज होता है, जो यह प्रमाणित करता है कि बुकिंग सही तरीके से की गई है।
- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के अनुरूप प्रमाणपत्र – यह प्रमाणपत्र यह सुनिश्चित करता है कि मवेशियों को मानवीय तरीके से ले जाया जा रहा है।
- मालिक या देखभाल करने वाले व्यक्ति का प्रमाणपत्र – सफर के दौरान मवेशियों की देखभाल के लिए कम से कम एक व्यक्ति का साथ रहना अनिवार्य होता है।
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किराया कैसे तय किया जाता है?
मवेशियों को ट्रेन में ले जाने के लिए वजन और दूरी के हिसाब से किराया तय किया जाता है। रेलवे की पार्सल बुकिंग दरों के अनुसार, जितनी अधिक दूरी होगी, किराया उतना ही ज्यादा होगा।
- किराया निर्धारण के मुख्य आधार
- मवेशी का वजन
- यात्रा की कुल दूरी
- किस प्रकार की वैन में मवेशी भेजे जा रहे हैं (कैटल वैन या स्पेशल पार्सल वैन)
- रेलवे द्वारा तय की गई न्यूनतम और अधिकतम पार्सल दरें
किराए से जुड़ी सटीक जानकारी के लिए रेलवे पार्सल ऑफिस से संपर्क किया जा सकता है।
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यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- सफर के दौरान मवेशियों के भोजन और पानी की उचित व्यवस्था करना जरूरी होता है।
- मवेशियों की देखभाल के लिए एक व्यक्ति का ट्रेन में रहना अनिवार्य है।
- मवेशियों के साथ किसी भी प्रकार की अमानवीयता बरतना गैरकानूनी है।
- अगर सफर लंबा है, तो पशु चिकित्सीय निगरानी की जरूरत पड़ सकती है।
- यात्रा के दौरान मवेशियों को चोट या किसी अन्य प्रकार की परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखना होता है।
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नियमों का उल्लंघन करने पर लग सकता है भारी जुर्माना
अगर कोई व्यक्ति रेलवे के इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। नियमों के उल्लंघन की स्थिति में रेलवे कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है। इसलिए यात्रा से पहले सभी नियमों की जानकारी प्राप्त करना और उनका पालन करना बेहद जरूरी है।