हरियाणा में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पहली कक्षा में दाखिले को लेकर न्यूनतम आयु सीमा छह वर्ष निर्धारित की गई है। यह आयु सीमा सरकारी और निजी दोनों प्रकार के विद्यालयों पर लागू होगी। इसके तहत जो बच्चे आगामी एक अप्रैल तक छह वर्ष की आयु पूरी नहीं कर पाएंगे, उन्हें छह महीने की छूट दी जाएगी। इस छूट के अनुसार, यदि कोई बच्चा 30 सितंबर तक छह साल का हो जाता है, तो उसे पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। यह निर्णय अभिभावकों और बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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आयु सीमा को लेकर शिक्षा विभाग के नए निर्देश
हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु सीमा पांच वर्ष छह माह थी, लेकिन अब इसे नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप छह वर्ष कर दिया गया है। हालांकि, जिन बच्चों की आयु पहली अप्रैल तक छह वर्ष नहीं होगी, उन्हें 30 सितंबर तक की छूट प्रदान की गई है, ताकि उनका एक साल व्यर्थ न हो।
पहले से दाखिल बच्चों को नहीं होगा नुकसान
जो बच्चे पहले से पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं में दाखिल हैं और पहली अप्रैल को पहली कक्षा में प्रमोट होने वाले हैं, उन्हें इस नीति से कोई नुकसान नहीं होगा। उन्हें निर्धारित अवधि पूरी न होने की स्थिति में भी पहली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। इस नियम के तहत उन्हें पूरे साल दोबारा पढ़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया
नई शिक्षा नीति के तहत, पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित की गई है। वर्ष 2023-24 में पहली कक्षा में दाखिले की आयु पांच वर्ष छह माह थी, लेकिन 2024-25 के लिए इसे बढ़ाकर छह वर्ष कर दिया गया है। यह नीति पूरे देश में लागू की जा रही है, ताकि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
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आदेश में क्या कहा गया है?
शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेशों के अनुसार, केवल उन्हीं बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा, जिनकी आयु पहली अप्रैल तक छह वर्ष होगी। हालांकि, छह महीने की छूट का प्रावधान उन बच्चों के लिए किया गया है, जो 30 सितंबर तक छह साल के हो जाएंगे। इससे बच्चों को शैक्षणिक सत्र के नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी और वे सुचारू रूप से अपनी शिक्षा जारी रख सकेंगे।