अगर आपके पास ₹10 के सिक्के हैं और आपको इन्हें लेकर कोई संदेह है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साफ कर दिया है कि ₹10 के सिक्के पूरी तरह से वैध मुद्रा हैं। फिर भी, कई बार दुकानदार, ऑटो ड्राइवर और छोटे कारोबारी इन सिक्कों को लेने से मना कर देते हैं। यह समस्या छोटे शहरों और गांवों में अधिक देखने को मिलती है। RBI ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ₹10 के सिक्कों को अस्वीकार करना न केवल गलत है बल्कि कानून का उल्लंघन भी है।
RBI ने क्या कहा ₹10 के सिक्कों को लेकर?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, ₹1, ₹2, ₹5, ₹10 और ₹20 के सभी सिक्के पूरी तरह से वैध हैं। भले ही समय-समय पर इन सिक्कों के डिज़ाइन में बदलाव होता रहा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पुराने डिज़ाइन के सिक्के अमान्य हो गए हैं।
हालांकि, कई लोग इन सिक्कों को नकली मानते हैं और लेने से इनकार कर देते हैं। यह स्थिति खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में गंभीर है। ध्यान रखें कि केवल 25 पैसे और उससे छोटे मूल्य के सिक्कों को बाजार से बाहर किया गया है। अगर कोई ₹10 के सिक्के लेने से मना करता है, तो आप RBI की गाइडलाइन्स का हवाला देकर सही जानकारी दे सकते हैं।
₹10 के सिक्के लेने से मना करने पर क्या करें?
अगर कोई दुकानदार या ऑटो चालक ₹10 के सिक्के लेने से मना करता है, तो यह आपके अधिकारों का उल्लंघन है। भारतीय मुद्रा अधिनियम (Currency Act) के तहत ₹10 का सिक्का न लेना गैर-कानूनी है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 489 (ए) से 489 (ई) के अंतर्गत इसे अपराध माना गया है।
ऐसे मामलों में आप निम्न कदम उठा सकते हैं:
- स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत: अगर कोई व्यक्ति ₹10 का सिक्का लेने से मना करता है, तो आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- NCIB से संपर्क: नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (NCIB) से संपर्क कर सकते हैं, जो ऐसे मामलों में मदद करता है।