जोमैटो के शेयर दिसंबर तिमाही के नतीजों के बाद से चर्चा में हैं। कंपनी के शेयरों में पिछले कुछ दिनों में बड़ी गिरावट देखी गई है। मंगलवार को 8% की गिरावट के बाद, बुधवार को यह शेयर 5% से अधिक गिरकर 203.80 रुपये के इंट्रा डे लो पर पहुंच गया। बीते तीन दिनों में यह शेयर लगभग 20% तक टूट चुका है। यह गिरावट निवेशकों के बीच चिंता का विषय बनी हुई है।
ब्रोकरेज फर्मों की राय में अंतर
जोमैटो को लेकर ब्रोकरेज फर्मों की राय मिली-जुली है। बैंक ऑफ अमेरिका (BOFA) ने इसे 375 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ ‘बाय’ रेटिंग दी है, जिससे 84% तक की संभावित वृद्धि का अनुमान है। नोमुरा और यूबीएस ने भी अपनी ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है, हालांकि नोमुरा ने अपने टारगेट प्राइस को 320 रुपये से घटाकर 290 रुपये कर दिया है। वहीं, मैक्वेरी ने इसे 130 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ ‘अंडरपरफॉर्म’ रेटिंग दी है, जो 40% तक की गिरावट की संभावना दिखाता है।
दिसंबर तिमाही के नतीजों का असर
जोमैटो ने दिसंबर तिमाही में 57% की गिरावट के साथ 59 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध मुनाफा दर्ज किया। पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह मुनाफा 138 करोड़ रुपये था। हालांकि, राजस्व में 64% की वृद्धि हुई और यह 5,405 करोड़ रुपये पर पहुंचा।
क्रमिक आधार पर कर पश्चात लाभ (PAT) में 66% की कमी आई, जो Q2FY25 में 176 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, सकल ऑर्डर मूल्य (GOV) में सालाना आधार पर 57% की वृद्धि हुई और यह Q3FY25 में 20,206 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
जोमैटो के लिए यह समय मिला-जुला साबित हो रहा है। जहां एक ओर राजस्व और ऑर्डर मूल्य में वृद्धि हो रही है, वहीं मुनाफे में गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। ब्रोकरेज फर्मों की राय में असमानता और तिमाही नतीजों का प्रभाव, निवेशकों को सतर्क रहने का संकेत देता है।