भारत में इस साल ठंड ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच शिक्षा विभाग ने छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों की शीतकालीन छुट्टियों (Winter School Holiday) को बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब स्कूलों में 11 जनवरी तक अवकाश रहेगा। इस कदम से खासकर छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
ऑनलाइन क्लासेज से पढ़ाई जारी रखने की पहल
मौसम विभाग की ओर से लगातार शीतलहर की चेतावनी के बाद शिक्षा निदेशालय ने यह तय किया है कि 8वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज (online classes during winter) का आयोजन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की पढ़ाई जारी रहेगी बल्कि उन्हें ठंड और कोहरे के प्रकोप से भी बचाया जा सकेगा। ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्कूलों ने विशेष योजना बनाई है ताकि छात्रों को सुगमता से पढ़ाई का अवसर मिल सके।
उच्च कक्षाओं के लिए विशेष समय-सारिणी
जहां 8वीं कक्षा तक के छात्रों को पूरी तरह से घर में रहकर पढ़ाई करने की सुविधा दी गई है, वहीं 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों में विशेष समय-सारिणी (school timings during exams) लागू की गई है। ये कक्षाएं सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक आयोजित की जाएंगी। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह फैसला आगामी बोर्ड परीक्षाओं और अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे उच्च कक्षाओं के छात्र अपनी तैयारी में व्यवधान के बिना जुट सकेंगे।
सर्दी के कारण बढ़ाई गई छुट्टियां
इस वर्ष 26 दिसंबर से 7 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा पहले ही की गई थी। लेकिन सर्दी और कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसे 11 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय छोटे बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।
शीतलहर के प्रकोप के कारण तापमान लगातार गिर रहा है और कई राज्यों में तापमान 5 डिग्री से भी नीचे चला गया है। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम बच्चों को ठंड से होने वाली बीमारियों से बचाने में सहायक होगा।
स्वास्थ्य सुरक्षा पर ध्यान
छोटे बच्चों का स्वास्थ्य और सुरक्षा शिक्षा विभाग की प्राथमिकता है। सर्दी और कोहरे में स्कूलों तक बच्चों का पहुंचना न केवल मुश्किल है, बल्कि उनके स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाएं और छुट्टियों के दौरान भी पाठ्यक्रम में किसी प्रकार की कमी न आए।
अभिभावकों का समर्थन
अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह फैसला न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे अभिभावकों को भी राहत मिलेगी। ठंड के कारण बच्चों की सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने की परेशानी खत्म हो जाएगी, और वे घर में रहकर आराम से अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे।