![Toll Tax in UP: महाकुंभ जाने वालों के लिए टोल टैक्स होगा माफ? जाम से छुटकारा](https://rcisgbau.in/wp-content/uploads/2025/02/Toll-Tax-in-UP-1024x576.jpg)
उत्तर प्रदेश में 2025 में होने वाले महाकुंभ (MahaKumbh 2025) को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज (Prayagraj) में इस पावन अवसर पर स्नान के लिए पहुंचेंगे। इस बीच, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार (Yogi Government) से मांग की है कि महाकुंभ के दौरान प्रदेश में वाहनों को टोल टैक्स (Toll Tax) से मुक्त किया जाए।
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अखिलेश यादव का तर्क
अखिलेश यादव ने इस मांग को उचित ठहराते हुए कहा कि जब फिल्मों (Movies) को मनोरंजन कर (Entertainment Tax) से मुक्त किया जा सकता है, तो फिर महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं को टोल टैक्स की छूट क्यों नहीं दी जा सकती? उन्होंने कहा कि इससे यात्रियों (Pilgrims) को सुगम यात्रा का लाभ मिलेगा और उनकी यात्रा में किसी तरह की वित्तीय बाधा नहीं आएगी। साथ ही, टोल छूट से ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) की समस्या भी कम हो सकती है।
महाकुंभ 2025 और यातायात व्यवस्था
महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे। इसे देखते हुए सरकार द्वारा यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने और सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयागराज में फ्लाईओवर (Flyovers), एक्सप्रेसवे (Expressways), पार्किंग (Parking) जैसी सुविधाओं को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। हालांकि, यदि टोल टैक्स में छूट दी जाती है, तो इससे श्रद्धालुओं को यात्रा में और अधिक राहत मिल सकती है। इससे प्रमुख राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर यातायात जाम की समस्या भी काफी हद तक कम हो सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
अब तक योगी सरकार की ओर से इस मांग पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया (Official Response) नहीं आई है। हालांकि, इससे पहले भी कई धार्मिक आयोजनों के दौरान टोल टैक्स माफ करने की मांग उठती रही है। यदि सरकार इस पर सकारात्मक निर्णय लेती है, तो लाखों श्रद्धालुओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यह निर्णय उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) को भी बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।
टोल माफी से संभावित लाभ
- श्रद्धालुओं को आर्थिक राहत: टोल टैक्स की छूट से यात्रियों का वित्तीय बोझ कम होगा, जिससे अधिक से अधिक लोग महाकुंभ में शामिल हो सकेंगे।
- यातायात व्यवस्था में सुधार: टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों से बचा जा सकेगा और ट्रैफिक जाम की समस्या घटेगी।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: इससे उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी और राज्य की छवि एक श्रद्धालु-हितैषी सरकार के रूप में उभरेगी।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा: जब अधिक श्रद्धालु आएंगे, तो स्थानीय व्यापारियों, होटल व्यवसायियों और अन्य सेवाओं को भी आर्थिक रुप से लाभ मिलेगा।
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क्या होगी चुनौतियाँ?
अगर योगी सरकार इस मांग को मानती है, तो इससे सरकार के राजस्व में कमी आ सकती है। प्रदेश में हाईवे (Highways) और एक्सप्रेसवे के रखरखाव के लिए टोल एक अहम स्रोत होता है। ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इस संतुलन को कैसे बनाए रखती है। इसके अलावा, टोल माफी की स्थिति में ट्रैफिक की निगरानी और प्रबंधन को सुचारू रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पड़ सकती है।