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बिजली बिल का बकाया चुकाने की तरकीब बता रहे थे विभाग वाले, गांव वालों ने कर डाली कुटाई

सरकार की एक मुश्त समाधान योजना का उद्देश्य जनता को राहत प्रदान करना है, लेकिन वजीरगंज के रोटा गाँव में प्रचार के दौरान हुई हिंसा ने इस योजना की सफलता पर संकट खड़ा कर दिया है। पुलिस और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

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बिजली बिल का बकाया चुकाने की तरकीब बता रहे थे विभाग वाले, गांव वालों ने कर डाली कुटाई
बिजली बिल

सरकार द्वारा चलाई जा रही एक मुश्त समाधान योजना (One-Time Settlement Scheme) का उद्देश्य बकाया विद्युत बिलों का निपटान कर जनता को राहत प्रदान करना है। इस योजना का प्रचार करने के दौरान बिजली विभाग की टीम पर वजीरगंज के रोटा गाँव में हमला हुआ, जिससे योजना की सफलता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

केबल काटने से बढ़ा विवाद

वजीरगंज बिजली उपकेंद्र के टीजी2 निकिल कुमार के नेतृत्व में एक टीम, विद्युत संविदा कर्मचारियों के साथ, गाँव रोटा पहुंची। उनके अभियान का मुख्य उद्देश्य था, बकायादारों को योजना के अंतर्गत बकाया राशि जमा करने के लिए प्रोत्साहित करना। इसी दौरान, रामकुमार नामक व्यक्ति, जिस पर ₹28,000 का विद्युत बिल बकाया था, के घर बिजली केबल काटने की कार्रवाई की गई। इससे रामकुमार और उनके परिवार ने टीम पर हमला कर दिया।

परिवार की हिंसात्मक प्रतिक्रिया

रामकुमार का परिवार, जिसमें उनकी पत्नी ज्योति भी शामिल थीं, ने टीम पर चप्पल और अन्य साधनों से हमला किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कर्मचारियों को पुलिस हेल्पलाइन 112 पर मदद के लिए फोन करना पड़ा। पुलिस के मौके पर पहुंचने तक आरोपी फरार हो गए, लेकिन इस हिंसात्मक घटना ने कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए।

कर्मचारियों का भय और पुलिस की निष्क्रियता

बिजली विभाग की टीम ने वजीरगंज थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन अब तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस घटना ने कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना भर दी है। कई कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे अपने कार्य से इस्तीफा देने को मजबूर हो जाएंगे।

एक मुश्त समाधान योजना की सफलता पर संकट

इस घटना ने सरकार की एक मुश्त समाधान योजना पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। योजना का उद्देश्य बकायादारों को राहत देना और राजस्व बढ़ाना है, लेकिन ऐसी घटनाओं के कारण कर्मचारियों का अभियान चलाना मुश्किल हो रहा है।

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