केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को 1 अप्रैल, 2025 से लागू करने की घोषणा की है। यह नई पेंशन प्रणाली, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का विकल्प प्रदान करेगी और इसका उद्देश्य पेंशनधारकों को अधिक वित्तीय सुरक्षा देना है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी, 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी कर इस स्कीम के संचालन को औपचारिक रूप से मंजूरी दी। यह स्कीम उन सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगी जो वर्तमान में एनपीएस के तहत आते हैं और यूनिफाइड पेंशन स्कीम को अपनाने का विकल्प चुनते हैं।
UPS के संचालन के लिए PFRDA के दिशा-निर्देश
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) यूनिफाइड पेंशन स्कीम के संचालन के लिए नियम और दिशा-निर्देश जारी करेगा। इस स्कीम को खासतौर पर मौजूदा पेंशन सिस्टम में सुधार के लिए तैयार किया गया है ताकि कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सके। UPS की प्रभावी तिथि 1 अप्रैल, 2025 होगी, और यह नई प्रणाली मौजूदा पेंशन व्यवस्था का व्यापक रूप से प्रतिस्थापन करने का काम करेगी।
50 फीसदी मंथली पेआउट सुनिश्चित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को इस नई पेंशन पॉलिसी को मंजूरी दी। इसके तहत लगभग 2.3 मिलियन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन का एक मजबूत ढांचा तैयार किया गया है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनके मासिक वेतन का कम से कम 50 फीसदी पेआउट के रूप में मिलेगा।
यह कदम कर्मचारियों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और उनके रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस दिशा में पहला कदम अप्रैल 2023 में उठाया गया था, जब तत्कालीन वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया था। इस पैनल को मौजूदा पेंशन सिस्टम में सुधार और इसे अधिक प्रभावी बनाने का काम सौंपा गया था।
UPS और NPS में क्या है अंतर?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पुराने और नए पेंशन सिस्टम का एक मिश्रण है। यह योजना ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की कुछ विशेषताओं को शामिल करते हुए, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के आधुनिक ढांचे को भी अपनाती है।
- OPS में एकमुश्त राशि का प्रावधान था, जबकि NPS में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। UPS इस कमी को पूरा करता है और कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि देने का प्रावधान करता है।
- UPS के तहत, कर्मचारियों की मासिक सैलरी का 10वां हिस्सा हर छह महीने की नौकरी के लिए दिया जाएगा। इस तरह से यह राशि कैल्कुलेट की जाएगी और रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान किया जाएगा।
- हालांकि, UPS में ग्रैच्युटी पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रैच्युटी भी मिलेगी, और इसका प्रभाव उनकी मासिक पेंशन पर नहीं पड़ेगा।
UPS: कर्मचारियों के लिए क्यों है फायदेमंद?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम केंद्रीय कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है। रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय सुनिश्चित करने के साथ-साथ यह योजना कर्मचारियों को एकमुश्त राशि का लाभ भी देती है।
इस नई स्कीम के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों के बीच लंबे समय से चली आ रही पेंशन से जुड़ी चिंताओं का समाधान होगा। UPS के तहत कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ नई तकनीकी और निवेश आधारित सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
UPS लागू करने के पीछे का उद्देश्य
यूपीएस का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करना और पेंशन व्यवस्था को आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है। मौजूदा पेंशन सिस्टम में सुधार करके, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय कर्मचारी न केवल वर्तमान में, बल्कि भविष्य में भी अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हों।