उत्तराखंड में अक्षय ऊर्जा के बढ़ते महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने सोलर वाटर हीटर सब्सिडी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत घरेलू और व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं को सोलर वाटर हीटर लगवाने पर भारी सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना न केवल ऊर्जा की बचत करती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान भी देती है। अगर आप सोलर वाटर हीटर लगाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि इस पर सरकार कितनी छूट दे रही है और इसके क्या फायदे हैं।
घरेलू और व्यावसायिक उपयोग पर सब्सिडी का लाभ
उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (UREDA) के अनुसार, घरेलू उपयोग के लिए सोलर वाटर हीटर लगाने पर सरकार 60% तक की लागत में छूट देती है। वहीं, व्यवसायिक उपयोग के लिए यह छूट 30% तक है।
एक 100 लीटर क्षमता वाले सोलर वाटर हीटर की लागत करीब 15,000 से 22,000 रुपये तक होती है। इसका मतलब है कि घरेलू उपयोगकर्ता को 100 लीटर क्षमता वाले हीटर पर 9,000 से 13,200 रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बिजली बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी रुचि रखते हैं।
सोलर वाटर हीटर की ऊर्जा बचत क्षमता
UREDA के आंकड़ों के मुताबिक, 75,000 लीटर क्षमता का सोलर वाटर हीटर सालाना करीब 9 लाख यूनिट बिजली बचा सकता है। इसके अलावा, 100 लीटर क्षमता वाले हीटर के उपयोग से हर महीने बिजली के बिल में 100 रुपये तक की बचत हो सकती है।
यह बिजली बचाने का एक प्रभावी तरीका है, जो दीर्घकालिक आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्रदान करता है।
एक साल में कितनी सब्सिडी मिलेगी?
अगर आप एक 100 लीटर क्षमता वाले सोलर वाटर हीटर का इंस्टॉलेशन करते हैं, तो आपको सालाना 1200 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ मिलेगा। यह राशि धीरे-धीरे आपकी कुल लागत को कम करती है और सोलर वाटर हीटर को एक किफायती विकल्प बनाती है।
सोलर वाटर हीटर लगाने के प्रमुख लाभ
सोलर वाटर हीटर लगाने से अनेक फायदे मिलते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि पानी गर्म करने के लिए बिजली पर निर्भरता समाप्त हो जाती है। यह हीटर पूरी तरह से सूर्य की किरणों से संचालित होता है, जिससे कोयले से बनी बिजली की खपत में भारी कमी आती है।
साथ ही, इससे न केवल बिजली की बचत होती है बल्कि यह पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है। सोलर वाटर हीटर 24 से 48 घंटे तक पानी को गर्म रख सकता है, जो इसकी कार्यक्षमता को और अधिक प्रभावी बनाता है।
सोलर वाटर हीटर की जीवनकाल और रखरखाव
सोलर वाटर हीटर की औसत उम्र 15-20 साल होती है। एक बार इसे स्थापित करने के बाद, यह लंबे समय तक बिना किसी बड़े रखरखाव के काम करता है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि सही तापमान और वातावरण के अनुसार सोलर हीटर 24 से 48 घंटे तक पानी गर्म रख सकता है। इसका मतलब है कि एक बार गर्म किया गया पानी लंबे समय तक उपयोग के लिए उपलब्ध रहता है।
आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक जानकारी
सोलर वाटर हीटर पर सब्सिडी पाने के लिए आपको संबंधित कंपनी से संपर्क करना होगा। यह प्रक्रिया बेहद सरल है। आवेदन करने के बाद, आप इस योजना के तहत मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
सरकार की ओर से निर्धारित सब्सिडी दरें घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के आधार पर अलग-अलग हैं। आवेदन के दौरान सही दस्तावेज और जानकारी प्रदान करना अनिवार्य है ताकि आप योजना का पूरा लाभ उठा सकें।
व्यावसायिक उपयोग और संभावनाएं
सोलर वाटर हीटर का उपयोग सिर्फ घरेलू जरूरतों तक सीमित नहीं है। इसे होटल, हॉस्पिटल और अन्य व्यावसायिक स्थलों पर भी लगाया जा सकता है। इसका उपयोग बड़े स्तर पर गर्म पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।
विशेष रूप से, व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए यह एक स्थायी और लागत-कुशल विकल्प साबित हो सकता है।