सड़क परिवहन मंत्रालय वाहन मालिकों और ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के लिए अपना पता, आधार (Aadhaar), मोबाइल फोन नंबर और अन्य विवरण अपडेट करना अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है। इस कदम का उद्देश्य सड़क नियमों का उल्लंघन करने वाले और बिना किसी डर के घूमने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसना है। खासतौर पर उन लोगों पर जो चालान कटने के बावजूद जुर्माने का भुगतान नहीं कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय इस बदलाव को मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) में प्रस्तावित संशोधनों का हिस्सा बनाने की योजना बना रहा है। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यातायात नियमों का लगातार उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्त निगरानी तंत्र स्थापित करना आवश्यक हो गया है। कई मामलों में देखा गया है कि लोग चालान और कार्रवाई से बचने के लिए अपना मोबाइल नंबर बदल लेते हैं या नया ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवा लेते हैं। ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए यह बदलाव लाने की योजना बनाई जा रही है।
12 हजार करोड़ रुपये के ई-चालान लंबित
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव ने खुलासा किया कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जारी किए गए ई-चालान (E-Challan) में से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि जिन डेटाबेस से ई-चालान प्रणाली चलाई जा रही है, वे पूरी तरह से अद्यतन नहीं हैं। इसमें वाहन मालिकों के पते और मोबाइल नंबर समय-समय पर अपडेट नहीं किए जाते, जिससे उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
परिवहन विभाग के अनुसार, कई ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) दशकों पुराने हो सकते हैं। पुराने डेटाबेस में मोबाइल नंबर या आधार कार्ड लिंक नहीं होने से, यह भी संभव है कि इन दस्तावेजों पर दर्ज पता भी बदला जा चुका हो। यही वजह है कि सरकार अब एक ऐसी प्रणाली पर विचार कर रही है, जहां वाहन मालिकों और ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को अपने विवरण नियमित रूप से अपडेट करना अनिवार्य बनाया जाएगा।
नियम नहीं मानने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
सरकार का मानना है कि इस बदलाव के बाद एजेंसियों को यह जानने में आसानी होगी कि चालान वसूलने के लिए किससे और कहां संपर्क किया जाए। यदि किसी व्यक्ति द्वारा ई-चालान या जुर्माने का भुगतान निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं किया जाता, तो उसके वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) और ड्राइविंग लाइसेंस पर गंभीर आर्थिक असर पड़ सकता है।
संभावित सख्तियों में शामिल हैं:
- वाहन का बीमा (Insurance) प्रीमियम बढ़ सकता है।
- वाहन का रजिस्ट्रेशन (Registration) रद्द या निलंबित किया जा सकता है।
- चालान न भरने पर आगे कोई वाहन खरीदने में मुश्किलें आ सकती हैं।
डिजिटल ट्रैकिंग और आधार लिंकिंग से सुधरेगी व्यवस्था
सरकार इस नई प्रणाली में डिजिटल ट्रैकिंग और आधार से लिंकिंग को अनिवार्य बना सकती है। इससे वाहन मालिकों और ड्राइवरों की पूरी जानकारी ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के पास उपलब्ध रहेगी, जिससे नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
सरकार द्वारा डिजिटल माध्यम से लोगों को अपने मोबाइल नंबर और आधार विवरण अपडेट करने की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि वे बिना किसी परेशानी के इसे ऑनलाइन पूरा कर सकें।
नए नियम से वाहन मालिकों को क्या होगा फायदा?
इस नियम से न केवल सरकार को नियम उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी, बल्कि वाहन मालिकों को भी कई फायदे होंगे:
- वाहन मालिकों और ड्राइवरों का डेटा सही रहेगा, जिससे फर्जीवाड़ा कम होगा।
- जुर्माने और चालान से जुड़ी सूचनाएं सही व्यक्ति तक समय पर पहुंचेंगी।
- ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की कार्यक्षमता बढ़ेगी, जिससे ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
- गाड़ी चोरी होने या किसी धोखाधड़ी की स्थिति में सही मालिक की पहचान करना आसान होगा।
नियम लागू होने की संभावित तारीख
अभी इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श चल रहा है। जल्द ही इसे मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) में संशोधन के रूप में शामिल कर लागू किया जा सकता है। यदि यह नियम पारित हो जाता है, तो सभी वाहन मालिकों और ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को अपने पते और मोबाइल नंबर को अपडेट करना अनिवार्य होगा।