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ये नदी उगल रही है सोना, इतना GOLD कि देश के हर गरीब बन जाएंगे अमीर

सिंधु नदी, जो कभी सिंधु घाटी सभ्यता का आधार रही, आज भी अपनी धारा में छिपे खजाने से चमत्कृत कर रही है। अटोक जिले में 32.6 मीट्रिक टन सोने की मौजूदगी ने इसे आर्थिक संभावनाओं का केंद्र बना दिया है। सरकार अब इस अनमोल खजाने को व्यवस्थित रूप से निकालने की योजना बना रही है।

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ये नदी उगल रही है सोना, इतना GOLD कि देश के हर गरीब बन जाएंगे अमीर
ये नदी उगल रही है सोना

सिंधु नदी, जिसे इतिहास के पन्नों में एक प्राचीन धारा और सिंधु घाटी सभ्यता के पालने के रूप में जाना जाता है, आज एक नई सनसनी बन चुकी है। यह नदी, जिसने 3300 ईसा पूर्व से लेकर 1300 ईसा पूर्व तक सिंधु घाटी सभ्यता को समृद्ध किया, अब अपने बहाव में सोने के कणों को समेटकर पाकिस्तान के अटोक जिले में चमत्कार कर रही है।

इतिहास के आईने में सिंधु नदी

ऋग्वेद से लेकर आधुनिक भूगर्भीय अध्ययनों तक, सिंधु नदी का उल्लेख कई संदर्भों में हुआ है। यह नदी हिमालय के ऊंचे पहाड़ों से निकलती है और पाकिस्तान होते हुए अरब सागर में गिरती है। सिंधु घाटी सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहते हैं, इसी नदी के तट पर विकसित हुई थी। इसके प्राचीन जल ने उस समय न केवल कृषि और परिवहन में मदद की, बल्कि उस क्षेत्र को समृद्धि का केंद्र भी बनाया।

सिंधु नदी में मिला सोने का खजाना

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अटोक जिले में सिंधु नदी की तलहटी में सोने के कण बड़ी मात्रा में पाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालय से बहकर आने वाले पानी में मौजूद यह कण नदी के किनारे जमा हो जाते हैं। यह प्रक्रिया लाखों वर्षों से चल रही है, जिससे इस क्षेत्र में “प्लेसर डिपॉजिट” बने हैं।

प्लेसर डिपॉजिट क्या है?

प्लेसर डिपॉजिट एक भूगर्भीय प्रक्रिया है, जिसमें खनिज कण नदी के पानी के बहाव के कारण तलहटी में जमा हो जाते हैं। सोने के यह कण अक्सर गोल, चपटे या अर्धगोल आकार के होते हैं, जिससे पता चलता है कि उनका स्रोत हिमालय के दूरस्थ इलाके हैं।

सोने की मात्रा और उसका मूल्यांकन

पाकिस्तान के खनन मंत्री इब्राहिम हसन मुराद के अनुसार, अटोक जिले में 32.6 मीट्रिक टन सोना मौजूद है, जिसकी कीमत लगभग 600 अरब पाकिस्तानी रुपए आंकी गई है। यह खजाना 32 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। डेली पार्लियामेंट टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह भंडार पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था को सुधारने की क्षमता रखता है।

अवैध खनन और सरकार का हस्तक्षेप

सोने के इस अनमोल भंडार ने स्थानीय लोगों को खनन के लिए आकर्षित किया है। ठंड के मौसम में, जब सिंधु नदी का जलस्तर कम हो जाता है, स्थानीय निवासी नदी की तलहटी से सोने के कण जमा करने में जुट जाते हैं। यह गतिविधि बड़े पैमाने पर अवैध रूप से होती है, जिसमें भारी मशीनों का भी इस्तेमाल होता है।

इस पर अंकुश लगाने के लिए, पाकिस्तान की सरकार ने अटोक जिले में धारा 144 लागू की है और अवैध खनन पर रोक लगा दी है। अब सरकार इस खजाने को नियंत्रित और व्यवस्थित रूप से निकालने की योजना बना रही है।

सोने का स्रोत

वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालय, जो करीब 6-10 करोड़ साल पहले भूगर्भीय प्लेटों की टकराहट से बना, सोने के इन कणों का प्राथमिक स्रोत है। हिमालय के ऊंचे इलाकों में सोने के कण नदी के पानी के साथ बहते हुए सिंधु नदी में पहुंचते हैं। यह प्रक्रिया सदियों से जारी है, जिससे सिंधु नदी के आसपास के इलाके खनिज संपदा से भरपूर हो गए हैं।

सिंधु नदी और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान, जो आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इस खजाने को अपनी स्थिति सुधारने का साधन मान रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस सोने का व्यवस्थित और सतत उपयोग किया जाए, तो यह पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को बदल सकता है।

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