जनवरी महीने के चौथे रविवार को स्कूलों की छुट्टी नहीं होगी। इस बार चौथा रविवार 26 जनवरी को पड़ रहा है, जिसे भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशभर के सभी स्कूल खुले रहेंगे, लेकिन इस दिन बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी। स्कूलों में इस दिन खास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि छात्र-छात्राएं इस ऐतिहासिक दिन का महत्व समझ सकें।
गणतंत्र दिवस, लोकतंत्र और संविधान का उत्सव
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, जिसने देश को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया। यह दिन भारतीय इतिहास में गौरव और उत्साह का प्रतीक है। देशभर में इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसमें भारत की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और आधुनिक प्रगति का प्रदर्शन किया जाता है।
स्कूलों में गणतंत्र दिवस का जश्न
गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूल और कॉलेज विशेष गतिविधियों के लिए खुले रहते हैं। इस दिन तिरंगा फहराया जाता है और बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका दिया जाता है। देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटक और भाषण जैसे कार्यक्रम बच्चों में इस दिन के महत्व को समझाने के लिए आयोजित किए जाते हैं। पढ़ाई भले न हो, लेकिन यह दिन बच्चों के लिए शिक्षा और प्रेरणा का एक खास अवसर होता है।
26 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश, लेकिन स्कूलों में विशेष कार्यक्रम
गणतंत्र दिवस पर पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश रहता है। बैंक, सरकारी और प्राइवेट दफ्तर बंद रहते हैं। हालांकि, कई सरकारी संस्थानों में इस दिन झंडारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों में भी बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि वे इस दिन के महत्व को महसूस कर सकें और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें।
गणतंत्र दिवस का महत्व और बच्चों पर प्रभाव
गणतंत्र दिवस केवल संविधान लागू होने का दिन नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र, समानता और स्वतंत्रता के मूल्यों को याद करने और मनाने का अवसर भी है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि हम एक ऐसे देश के नागरिक हैं जहां हर व्यक्ति को समान अधिकार प्राप्त हैं। बच्चों के लिए यह दिन शिक्षा और प्रेरणा का बड़ा अवसर है। वे इस दिन के कार्यक्रमों में भाग लेकर संविधान, देश की ताकत और सांस्कृतिक विविधता के बारे में सीखते हैं।