सर्दियों का मौसम आ चुका है, और लोग कंपा देने वाली ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं। घरों में हीटर, गीजर और इमर्शन रॉड जैसे उपकरणों का उपयोग बढ़ जाता है, लेकिन इनके साथ बिजली के बिल में भी भारी इज़ाफा होता है। इसी वजह से आजकल लोग सोलर पैनल-Renewable Energy का सहारा ले रहे हैं। सोलर पैनल न केवल बिजली के बिल को कम करने में मददगार होते हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं।
सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी का फायदा
भारत सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना” के तहत सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत, अलग-अलग वॉट के सोलर पैनल पर अलग-अलग सब्सिडी उपलब्ध है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाते हैं, तो केंद्र सरकार द्वारा आपको 30,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है।
राज्यों की बात करें तो दिल्ली सरकार अतिरिक्त 10,000 से 15,000 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान करती है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार भी अपनी योजनाओं के तहत 10,000 से 15,000 रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इन योजनाओं का उद्देश्य लोगों को सोलर एनर्जी के प्रति प्रोत्साहित करना है ताकि बिजली के बिल का बोझ कम हो और हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिल सके।
भारत के कौन-कौन से राज्य देते हैं सबसे ज्यादा सब्सिडी?
भारत के अलग-अलग राज्य सोलर पैनल लगाने के लिए अपनी-अपनी सब्सिडी योजनाएं चलाते हैं। दिल्ली और उत्तर प्रदेश इस मामले में अग्रणी हैं। यहां, राज्य सरकारें केंद्र सरकार की सब्सिडी के अलावा अतिरिक्त राशि भी प्रदान करती हैं।
- दिल्ली में: प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाने पर 30,000 रुपये की केंद्र सरकार की सब्सिडी और 10,000-15,000 रुपये तक की राज्य सरकार की सब्सिडी मिलती है।
- उत्तर प्रदेश में: राज्य सरकार भी केंद्र सरकार की सब्सिडी के अलावा अतिरिक्त 10,000-15,000 रुपये की सब्सिडी देती है। इससे सोलर पैनल लगवाने की लागत काफी कम हो जाती है।