सिवान में कड़ाके की ठंड और गिरते तापमान ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है। 16 डिग्री के आसपास तापमान और शीतलहर ने सिवान के बच्चों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। धुंध और घने कोहरे के बीच छोटे बच्चे स्कूल जाते दिखे, जिससे यह सवाल उठता है कि प्रशासन ने पहले ही आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए।
जिला प्रशासन ने 18 जनवरी तक स्कूल बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन 20 जनवरी को स्कूलों को फिर से खोल दिया गया, जबकि मौसम और अधिक खराब हो गया। बच्चों पर इसका सीधा असर देखने को मिला। छोटे बच्चे, जो सर्द हवाओं और घने कोहरे के बीच स्कूल जाने के लिए मजबूर हुए, उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हुए।
घने कोहरे और शीतलहर में बच्चों की परेशानी
बुधवार को सिवान में तापमान के साथ-साथ बर्फीली हवाएं भी चल रही थीं। चारों ओर घना कोहरा था, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई थी। ऐसे में स्कूली ड्रेस पहने छोटे बच्चे ठंड से कांपते हुए स्कूल जाते दिखे। प्रशासन की ओर से रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को स्कूल खोल दिए गए, लेकिन मौसम में सुधार न होने के कारण बच्चों की परेशानी और बढ़ गई।
जिला प्रशासन का नया आदेश और ठंड से राहत
सिवान के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 23 और 24 जनवरी को सभी सरकारी और निजी स्कूल, कोचिंग संस्थान, और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि शीतलहर और ठंड के कारण छोटे बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, कक्षा 8 से ऊपर की कक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक संचालित होंगी, और बोर्ड परीक्षा की विशेष कक्षाओं पर यह आदेश लागू नहीं होगा।
बच्चों के लिए ठंड से बचाव के उपाय
इस ठंड के मौसम में अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे बच्चों को गर्म कपड़ों में पूरी तरह से ढककर स्कूल भेजें। साथ ही, स्कूलों और प्रशासन को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन को पर्याप्त गर्म इंतजाम और गर्म पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।