हरियाणा सरकार ने वाहन स्क्रैपिंग और रि-साइक्लिंग नीति 2024 को लागू कर एक बड़ी पहल की है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य पुराने और अनुपयोगी वाहनों को स्क्रैप कर उनके पुर्जों और सामग्री को पुनः उपयोग में लाना है। यह नीति न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाएगी, बल्कि औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
पुराने वाहनों को स्क्रैप करना क्यों जरूरी है?
पुराने वाहन न केवल वायु प्रदूषण का बड़ा कारण हैं, बल्कि सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर जगह भी घेरते हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के अनुसार, 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन अब उपयोग के लिए अनुकूल नहीं माने जाते। इन वाहनों को हटाने और सही तरीके से रि-साइक्लिंग करने के लिए यह नीति तैयार की गई है।
पुराने वाहनों को हटाने से:
- प्रदूषण में कमी आएगी।
- सड़कें और सार्वजनिक स्थल बेकार वाहनों से मुक्त होंगे।
- रि-साइक्लिंग से बहुमूल्य धातुओं और पुर्जों का पुनः उपयोग होगा।
पर्यावरण को कैसे फायदा होगा?
पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं और रसायन वायु और जल प्रदूषण का मुख्य स्रोत हैं। इस नीति के तहत वाहन स्क्रैपिंग की प्रक्रिया को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से अंजाम दिया जाएगा।
- स्क्रैपिंग से निकली सामग्री का उपयोग निर्माण और अन्य औद्योगिक कार्यों में होगा।
- हरियाणा का ईको-सिस्टम मजबूत होगा और यह राज्य पर्यावरण संरक्षण में मिसाल बनेगा।
वाहन मालिकों और उद्योगों को होगा आर्थिक लाभ
यह नीति वाहन मालिकों और उद्योगों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
- पुराने वाहन स्क्रैप करने पर वाहन मालिकों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
- स्क्रैपिंग से निकली सामग्री और पुर्जों का पुनः उपयोग औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा।
हरियाणा सरकार ने इस नीति को उद्योग का दर्जा दिया है। इसके तहत:
- नई औद्योगिक इकाइयों को पूंजी अनुदान और राज्य GST में छूट मिलेगी।
- नई कंपनियों के लिए 10 साल की लीज पर जमीन दी जाएगी।
- महिला उद्यमियों और स्टार्टअप्स को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसर
यह नीति हरियाणा के युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण के नए द्वार खोलेगी।
- राज्य के युवाओं को उद्योगों में काम करने के लिए कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- पिछड़े इलाकों में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार विशेष योजनाएं लागू करेगी।
सरकार अवसंरचना विकास के लिए 20 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी। डी, बी और सी श्रेणी के ब्लॉकों में स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति से स्थानीय विकास को गति मिलेगी।