देहरादून में भीषण शीतलहर और ठंड के प्रकोप को देखते हुए जिलाधिकारी ने बड़ा कदम उठाते हुए जनपद के सभी कक्षा 12 तक के शासकीय, अर्धशासकीय, निजी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन समय में बदलाव का आदेश जारी किया है। अब ये संस्थान 31 जनवरी, 2025 तक सुबह 8:30 बजे के बाद ही संचालित किए जाएंगे। यह कदम बच्चों और आम जनमानस को शीतलहर के प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है।
शीतलहर और मौसम का प्रभाव
प्रदेश में शीतकालीन मौसम अपनी चरम सीमा पर है और देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में भीषण ठंड, पाला और घने कोहरे का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। भारत मौसम विभाग देहरादून द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में यह स्थिति बनी रह सकती है। पाला और कोहरे के कारण ठंड बढ़ने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं।
आपदा प्रबंधन की भूमिका
जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 30 (5) और 18 के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया। यह निर्णय स्कूल जाने वाले बच्चों और आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले छोटे बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के दृष्टिकोण से लिया गया है। आदेश में मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी को इस निर्देश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
आदेश का व्यापक प्रभाव
शीतलहर के कारण स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन समय में बदलाव ने छात्रों और उनके अभिभावकों को राहत प्रदान की है। प्रशासन के इस कदम से न केवल बच्चों की सेहत को ध्यान में रखा गया है, बल्कि उन्हें ठंड और पाले से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाने का प्रयास किया गया है।
आगे क्या करें अभिभावक और शिक्षक?
इस आदेश के तहत अभिभावकों और शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़ों का उपयोग करें। साथ ही, स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे कक्षाओं में उचित हीटिंग व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि बच्चों को ठंड के प्रभाव से बचाया जा सके।