उत्तर प्रदेश में ठंड और शीतलहर का प्रकोप अब भी जारी है, जिसके कारण स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 और 17 जनवरी 2025 को भी अवकाश घोषित कर दिया है। अब सभी बेसिक और पब्लिक स्कूल 18 जनवरी से खुलेंगे। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
लखनऊ में शीतलहर के चलते फिर बढ़ीं छुट्टियां
लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने पहले 13 जनवरी तक स्कूलों की छुट्टियों का आदेश दिया था। लेकिन बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए इसे 16 जनवरी तक बढ़ा दिया गया। अब स्कूलों के 17 जनवरी से खुलने की संभावना है। यह निर्णय बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया नया आदेश
मंगलवार देर रात बेसिक शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी करते हुए 16 और 17 जनवरी को भी छुट्टियां घोषित कर दीं। यह आदेश सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा। इससे पहले 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद स्कूल खुलने की संभावना थी, लेकिन बदले हालात को देखते हुए यह फैसला लिया गया।
किन जिलों में स्कूल अब भी बंद हैं?
उत्तर प्रदेश के कासगंज, संभल, बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, मुरादाबाद, और रामपुर जैसे जिलों में स्कूल अब भी बंद हैं। जिलाधिकारियों ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अवकाश बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
किन जिलों में स्कूल खुल चुके हैं?
राज्य के मेरठ, मथुरा, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज और बलिया जैसे जिलों में स्कूल खुल चुके हैं। हालांकि, यहां भी ठंड के प्रभाव को देखते हुए स्कूलों का समय बदला गया है, ताकि बच्चों को सुबह की ठंड से बचाया जा सके।
ठंड और शीतलहर के चलते प्रशासनिक कदम
शीतलहर और ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिलाधिकारियों ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। कई जिलों में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने के साथ ही ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि स्कूलों में गर्म कपड़ों की अनिवार्यता और बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए जाएं।
शीतलहर का बच्चों पर प्रभाव
ठंड और शीतलहर का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है। इस मौसम में सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। बच्चों की सुरक्षा और सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूलों की छुट्टियों को बढ़ाना एक उचित कदम है। यह निर्णय न केवल बच्चों को ठंड से बचाने में सहायक होगा बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी एक राहतभरा कदम है।