न्यूज

Professor Eligibility: शिक्षक भर्ती के बदलेंगे नियम, इस मामले में मिलेगी बड़ी छूट

UGC ने जारी किए शिक्षक भर्ती के नए दिशा-निर्देश, छह महीने में लागू होंगे नियम; भारतीय भाषाओं, विविध प्रतिभाओं और समग्र मूल्यांकन को मिलेगा बढ़ावा।

Published on

भारत में नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इसी क्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने यूनिवर्सिटी, कॉलेज और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति और प्रमोशन के नियमों में व्यापक सुधार किया है। इन बदलावों को लागू करने के लिए यूजीसी ने एक ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया और योग्यता मानकों को लेकर नए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षक भर्ती के बदलेंगे नियम

अब तक, शिक्षक भर्ती के लिए यह अनिवार्य था कि उम्मीदवार ने अपनी ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी/नेट की पढ़ाई एक ही विषय में की हो। लेकिन यूजीसी ने इस बाध्यता को समाप्त कर दिया है। नए नियमों के अनुसार, उम्मीदवार भले ही किसी भी विषय में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करें, उनकी नियुक्ति केवल पीएचडी या नेट के विषयों के आधार पर की जाएगी। यह परिवर्तन शिक्षकों को अधिक फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करेगा और नए विषयों में विशेषज्ञता वाले उम्मीदवारों को मौका देगा।

छह महीने में लागू होंगे नए नियम

यूजीसी के अनुसार, देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अगले छह महीनों के भीतर शिक्षक भर्ती के नए नियमों को लागू करना होगा। इसमें यूनिवर्सिटी, डीम्ड यूनिवर्सिटी, स्वायत्त कॉलेज और अन्य कॉलेज शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाना है।

प्रमोशन के लिए शैक्षणिक प्रदर्शन और कौशल होंगे निर्णायक

नए प्रस्तावित नियमों के तहत शिक्षकों के प्रमोशन में अब केवल उनकी शैक्षणिक योग्यता पर जोर नहीं दिया जाएगा। इसके बजाय, उनके शैक्षणिक प्रदर्शन, कौशल और अनुभव को प्रमोशन प्रक्रिया का प्रमुख आधार बनाया जाएगा। साथ ही, योग, संगीत, परफॉर्मिंग आर्ट्स, मूर्तिकला और नाटक जैसे विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए विशेष भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

विविध टैलेंट पूल और समग्र मूल्यांकन पर जोर

UGC का यह ड्राफ्ट शिक्षण क्षेत्र में विविध टैलेंट पूल को लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत कला, खेल और पारंपरिक विषयों के विशेषज्ञों को भी उच्च शिक्षण संस्थानों में करियर बनाने का अवसर मिलेगा। साथ ही, भर्ती प्रक्रिया में समग्र मूल्यांकन को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे स्कोर-आधारित शॉर्टलिस्टिंग की परंपरा समाप्त होगी।

भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा

UGC के नए नियमों में भारतीय भाषाओं के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत एकेडमिक पब्लिकेशन और डिग्री प्रोग्राम्स में भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे। यह पहल भारतीय भाषाओं की समृद्धि और विविधता को उच्च शिक्षा में स्थान दिलाने में सहायक होगी।

दिव्यांग खिलाड़ियों और अन्य प्रतिभाशाली उम्मीदवारों के लिए अवसर

यूजीसी के नियम इन्क्लूसिविटी पर भी विशेष जोर देते हैं। इससे दिव्यांग खिलाड़ियों समेत सभी प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर और विविधता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।

नए नियमों से संभावित फायदे

  • अब उम्मीदवार NET/SET में उत्तीर्ण विषयों में टीचिंग करियर बना सकते हैं, भले ही उनका यूजी और पीजी का विषय अलग हो।
  • यह ड्राफ्ट भारतीय भाषाओं के शैक्षणिक उपयोग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
  • कला, खेल और पारंपरिक विषयों के विशेषज्ञों के लिए अवसर बढ़ेंगे।
  • यह प्रक्रिया केवल स्कोर-आधारित चयन को खत्म कर समग्र मूल्यांकन पर जोर देगी।

Leave a Comment