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अब राशन कार्ड धारकों को नहीं मिलेगा ये अनाज, सरकार ने नियम में बदलाव कर दिया बड़ा झटका

सरकार ने राशन वितरण प्रणाली में किए बड़े बदलाव, ई-केवाईसी हुई अनिवार्य; जानिए नई खाद्य सामग्री और इसके लाभ। क्या आप भी हैं प्रभावित?

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भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चलाई जा रही योजनाएं देश के गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा रही हैं। सरकार की इन योजनाओं के जरिए कम कीमत पर राशन उपलब्ध कराया जाता है, जिससे लाखों परिवारों को राहत मिलती है। लेकिन अब सरकार ने इस योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। राशन कार्ड धारकों को अब मुफ्त चावल नहीं मिलेगा।

क्या है नया नियम?

पहले राशन कार्ड धारकों को हर महीने मुफ्त चावल दिया जाता था, लेकिन अब सरकार ने इस सुविधा को बंद कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश के करीब 90 करोड़ नागरिक इस योजना के तहत लाभान्वित होते थे। सरकार का यह निर्णय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नागरिकों के भोजन में पोषण स्तर को बढ़ाने और स्वास्थ्य सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।

अब राशन वितरण केंद्रों पर चावल की जगह गेहूं, दाल, चना, चीनी, नमक, सरसों का तेल, आटा, सोयाबीन और मसाले जैसे अन्य खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाएंगे। यह निर्णय गरीबों की पोषण संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

ई-केवाईसी अनिवार्य

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत ई-केवाईसी (e-KYC) करवाना सभी राशन कार्ड धारकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। खाद्य और सार्वजनिक मंत्रालय ने इस बारे में सूचना पहले ही जारी कर दी थी।

ई-केवाईसी क्यों जरूरी है?

ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करने से सरकार को पात्र लाभार्थियों की पहचान में मदद मिलती है। इससे योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक ही सीमित रहेगा और फर्जी राशन कार्ड का उपयोग रोका जा सकेगा।

पिछले निर्देशों के अनुसार ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 तय की गई थी। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दिया गया है। अगर कोई राशन कार्ड धारक इस तिथि तक ई-केवाईसी पूरी नहीं करता है, तो उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा।

क्या होगा ई-केवाईसी न करवाने पर?

जो राशन कार्ड धारक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं करेंगे, उन्हें अगले महीने से राशन नहीं मिलेगा। साथ ही ऐसे राशन कार्ड धारकों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए जाएंगे। सरकार का यह कदम राशन वितरण में पारदर्शिता लाने और योग्य लाभार्थियों तक सही समय पर खाद्य सामग्री पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

क्या है राशन कार्ड योजना का महत्व?

राशन कार्ड योजना भारत के लाखों गरीब परिवारों के लिए जीवनरेखा की तरह काम करती है। इस योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों को अनुदानित दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन सरकार द्वारा किए गए हालिया बदलाव से लाभार्थियों के बीच हलचल मच गई है। हालांकि सरकार का कहना है कि यह कदम नागरिकों के पोषण स्तर में सुधार और खाद्य वितरण प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है।

फैसले पर जनता की प्रतिक्रिया

सरकार के इस फैसले पर जनता की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मुफ्त चावल बंद करना गरीबों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, जबकि अन्य इसे पोषण स्तर में सुधार के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।

क्या करें राशन कार्ड धारक?

  1. राशन कार्ड धारकों को अपने नजदीकी राशन वितरण केंद्र पर जाकर या ऑनलाइन माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।
  2. चावल की जगह मिलने वाली नई खाद्य सामग्री की सूची से परिचित हों और इसका उपयोग अपने भोजन में पोषण स्तर बढ़ाने के लिए करें।

सरकार का उद्देश्य

सरकार का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। साथ ही नागरिकों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर को बेहतर करना है। यह बदलाव देश के लिए एक नई दिशा हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए।

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