नए साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 8वें वेतन आयोग (Pay Commission) के गठन को मंजूरी दी है। इस कदम से लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को लाभ मिलेगा। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। आयोग की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, जिससे एक करोड़ से अधिक लाभार्थी प्रभावित होंगे।
7वें वेतन आयोग की पृष्ठभूमि और 8वें की तैयारी
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होने जा रहा है। इसके मद्देनजर, 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया गया। परंपरागत रूप से हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है, जो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में सुधार की सिफारिशें करता है।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। सरकार द्वारा जल्द ही इसके कार्यक्षेत्र और अन्य तकनीकी पहलुओं का खुलासा किया जाएगा।
एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को राहत
यह फैसला एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है। 7वें वेतन आयोग ने वेतन समानता और आर्थिक राहत प्रदान की थी, जिससे वेतन और भत्तों में बड़ा सुधार हुआ। 8वें वेतन आयोग के जरिए वेतन और पेंशन में और बढ़ोतरी की संभावना है।
सरकार का कहना है कि महंगाई और वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर वेतन आयोग अपनी सिफारिशें पेश करेगा। ये सिफारिशें न केवल सक्रिय कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी फायदेमंद होंगी।
8वें वेतन आयोग का कार्यक्षेत्र और प्रभाव
8वें वेतन आयोग के गठन के साथ, वेतन, भत्ते, महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA), और महंगाई राहत (Dearness Relief – DR) जैसे पहलुओं पर समीक्षा की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर, 1 जनवरी, 2026 से नए वेतनमान प्रभावी होने की संभावना है। यह न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर करेगा बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।