उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कच्चे तेल यानी क्रूड ऑयल मिलने की संभावना ने न केवल प्रदेश में, बल्कि पूरे देश में उत्सुकता का माहौल बना दिया है। बताया जा रहा है कि गंगा के किनारे एक बड़े पेट्रोलियम भंडार की खोज हो सकती है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो बलिया प्रदेश के विकास का नया केंद्र बन सकता है। इस खोज की जिम्मेदारी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने उठाई है, जो इस समय वहां खुदाई यानी ड्रिलिंग का काम कर रही है।
करोड़ों के प्रोजेक्ट से हो रही है ड्रिलिंग
ONGC ने इस प्रोजेक्ट के लिए असम से भारी उपकरण, क्रेन और मशीनरी मंगवाई है। भूवैज्ञानिकों की टीम ने सैटेलाइट और जियोलॉजिकल सर्वे के बाद यहां कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की संभावनाओं का अनुमान लगाया। सालों तक चले भू-रासायनिक, गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय सर्वेक्षण के बाद इस क्षेत्र में तेल और गैस की खोज के प्रयास शुरू हुए।
चार साल पहले किए गए सर्वे के आधार पर अब राज्य सरकार ने पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी कर दिया है। इस लाइसेंस के तहत करीब 8 एकड़ जमीन को तीन साल के लिए लीज पर लिया गया है, जहां ड्रिलिंग और रिसर्च का कार्य जारी है।
3001 मीटर तक की जाएगी खुदाई
प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी देते हुए ONGC के इंस्टॉलेशन मैनेजर मनीष कुमार ने बताया कि बलिया के सागरपाली गांव के पास वैना रट्टू चक हाईवे के किनारे इस खुदाई का कार्य किया जा रहा है। यहां करीब 3001 मीटर गहराई तक खुदाई की जाएगी।
मनीष कुमार ने यह भी बताया कि साइट पर बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 50 से अधिक लोगों को काम पर लगाया गया है, जिनमें कई स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर
गांव में इस खोज की खबर से खुशी की लहर दौड़ गई है। सामाजिक कार्यकर्ता मुन्ना बहादुर सिंह ने कहा, “अगर यह खोज सफल होती है तो यह बलिया के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा। इससे न केवल क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।”
रिटायर्ड प्रवक्ता त्रिवेणी लाल ने भी इस खोज को बलिया के विकास की नई दिशा बताया। उन्होंने कहा कि अगर यह खोज सफल होती है, तो यह यूपी को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
सुरक्षा और पर्यावरण पर खास ध्यान
ड्रिलिंग साइट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यहां खतरनाक केमिकल्स को संभालने के लिए कंटीले तारों की मजबूत घेराबंदी की गई है। 24 घंटे गार्डों की तैनाती सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
साइट पर पर्यावरणीय प्रभाव को भी ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने स्थानीय समुदाय को यह आश्वासन दिया है कि इस परियोजना से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
बलिया के लिए ऐतिहासिक अवसर
अगर बलिया में क्रूड ऑयल का भंडार मिल जाता है, तो यह न केवल बलिया, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम दे सकता है। इस खोज से राज्य को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने का मौका मिलेगा।