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पेट्रोल भरवाने जा रहे हैं? रुके ज़रा! इन पेट्रोल पंपों पर मिल रहा ₹5 लीटर का डिस्काउंट

सरकारी तेल कंपनियों को टक्कर दे रही प्राइवेट कंपनियां! नायरा समेत कई निजी कंपनियां दे रही हैं 5 रुपये प्रति लीटर तक की छूट, छोटे शहरों में पकड़ हो रही मजबूत। जानें क्यों घट रहे सरकारी तेल कंपनियों के ग्राहक और कैसे आप इस ऑफर का लाभ उठा सकते हैं!

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देशभर में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में सरकारी तेल कंपनियों द्वारा एक साल से भी अधिक समय से कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन प्राइवेट ऑयल कंपनियां बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ग्राहकों को सस्ते दाम पर ईंधन उपलब्ध करा रही हैं। नायरा (Nayara) और अन्य निजी कंपनियां कई स्थानों पर पेट्रोल-डीजल के रेट में 5 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती कर रही हैं।

इस रणनीति से प्राइवेट कंपनियों का बाजार में प्रभाव बढ़ रहा है और वे सरकारी कंपनियों के ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल हो रही हैं। छोटे शहरों में भी इसका असर दिखने लगा है, जहां निजी कंपनियों की हिस्सेदारी पहले के मुकाबले बढ़ रही है।

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छोटे शहरों में प्राइवेट कंपनियों की पकड़ हो रही मजबूत

सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) ने मार्च 2024 के बाद से पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है। दूसरी ओर, प्राइवेट कंपनियां सिर्फ रिटेल ही नहीं बल्कि थोक प्राइस पर भी ग्राहकों को छूट दे रही हैं।

गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में प्राइवेट कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही रणनीति का सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है। इन राज्यों के छोटे शहरों में सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी घट रही है और निजी कंपनियां अपना नेटवर्क तेजी से बढ़ा रही हैं।

1000 रुपये के पेट्रोल पर 50 रुपये की बचत!

निजी तेल कंपनियां ग्राहकों को ‘हैप्पी आवर’ स्कीम के तहत विशेष समय में 5 रुपये प्रति लीटर तक की छूट दे रही हैं। नायरा एनर्जी (Nayara Energy) ने भी इसी तरह की पेशकश की है, हालांकि पूरे नेटवर्क में औसतन यह छूट 1-2 रुपये प्रति लीटर के करीब है।

नायरा ने घोषणा की है कि 1,000 रुपये के पेट्रोल या डीजल की खरीद पर ग्राहकों को 5 रुपये प्रति लीटर तक की छूट मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि प्राइवेट कंपनियां यह छूट इसलिए दे पा रही हैं क्योंकि वे रूस से कम कीमत पर क्रूड ऑयल खरीद रही हैं।

गुजरात में स्थित प्राइवेट ऑयल कंपनियों की रिफाइनरियों के कारण उनके लिए ऑयल डिस्ट्रीब्यूशन की लागत सरकारी कंपनियों की तुलना में कम हो रही है, जिससे वे कम कीमत पर पेट्रोल-डीजल बेचने में सक्षम हो रही हैं।

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सरकारी तेल कंपनियों की बिक्री में आई गिरावट

‘लाइव मिंट’ की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन अरविंद ठक्कर ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों की बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अहमदाबाद और वडोदरा जैसे बड़े शहरों में सरकारी कंपनियों के पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों की संख्या घट रही है, जबकि निजी कंपनियों के पंपों पर बिक्री में इजाफा हो रहा है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में गुजरात में सरकारी कंपनियों की पेट्रोल मार्केट हिस्सेदारी 77.5% से घटकर 75.1% रह गई, जबकि प्राइवेट कंपनियों की हिस्सेदारी 22.5% से बढ़कर 24.9% हो गई। इसी तरह, डीजल मार्केट में भी सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी 79.6% से गिरकर 76.8% हो गई, जबकि प्राइवेट कंपनियों की हिस्सेदारी 20.4% से बढ़कर 23.2% तक पहुंच गई।

राजस्थान में भी बढ़ रही प्राइवेट कंपनियों की पकड़

राजस्थान में भी प्राइवेट तेल कंपनियों की बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन सुनीत बगाई का कहना है कि जिन इलाकों में निजी कंपनियां सक्रिय हैं, वहां वे तेजी से बाजार पर कब्जा कर रही हैं।

वर्तमान में देशभर में 90,000 से अधिक पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से अधिकांश सरकारी कंपनियों के हैं। लेकिन निजी कंपनियां भी तेजी से अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं। नायरा एनर्जी इस साल अपने नेटवर्क में 400 और पंप जोड़ने की योजना बना रही है, जिससे इसके कुल पेट्रोल पंपों की संख्या 6,500 तक पहुंच जाएगी।

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सरकारी कंपनियों ने अब तक सिर्फ एक बार किया बदलाव

पिछले दो वर्षों में सरकारी तेल कंपनियों ने केवल एक बार मार्च 2024 में पेट्रोल और डीजल के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। यह कटौती लोकसभा चुनाव से पहले की गई थी। इसके पहले नवंबर 2022 में सरकार ने कस्टम ड्यूटी घटाकर ईंधन की कीमतों में राहत दी थी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकारी कंपनियां जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठातीं, तो प्राइवेट कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी और बढ़ सकती है।

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