ग्रामीण इलाकों में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से शासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रत्येक गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर राशन के साथ-साथ घरेलू जरूरत का महत्वपूर्ण सामान भी उपलब्ध कराया जाएगा। शासन ने इसके लिए 40 वस्तुओं की सूची तैयार की है, जिनकी बिक्री राशन डीलरों के माध्यम से की जाएगी। इनमें महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन से लेकर सेनेटरी पैड तक शामिल हैं। यह कदम ग्रामीण जीवन को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ डीलरों की आय बढ़ाने में भी सहायक होगा।
राशन डीलरों की आय में होगी वृद्धि
शासनादेश के अनुसार, इन वस्तुओं की बिक्री से राशन डीलरों की आय में वृद्धि होगी। अब तक राशन डीलर कम आय की शिकायत करते रहे हैं, लेकिन इस पहल से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने की संभावना है। साथ ही, ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा की जरूरत के सामान के लिए शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
आपूर्ति विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि दुकानदार सभी वस्तुओं की रेट लिस्ट अपनी दुकान पर लगाएं। इससे जहां उपभोक्ताओं को सही दाम पर सामान मिलेगा, वहीं डीलरों के लिए राशन की हेराफेरी करना भी मुश्किल होगा।
ग्रामीणों को होगा व्यापक लाभ
सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर अभी तक केवल राशन जैसे गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा आदि निर्धारित दरों पर वितरित किए जाते थे। समय-समय पर खाद्य तेल, नमक और दाल भी उपलब्ध कराई जाती थी। लेकिन अब ग्रामीणों को 40 अतिरिक्त सामान उनकी जरूरत के हिसाब से गांव में ही मिल सकेंगे। इस योजना से न केवल ग्रामीणों को सहूलियत होगी बल्कि दुकानदारों के लिए अपनी दुकानें नियमित रूप से खोलना अनिवार्य होगा। इससे राशन वितरण की प्रक्रिया भी सुचारू हो जाएगी।
टैगिंग पर रहेगा कड़ा प्रतिबंध
शासन ने यह स्पष्ट किया है कि दुकानदार किसी भी उपभोक्ता पर अतिरिक्त सामान खरीदने का दबाव नहीं डाल सकते। उपभोक्ता को केवल उन्हीं वस्तुओं का भुगतान करना होगा, जिनकी उन्हें जरूरत है। यदि किसी राशन डीलर द्वारा टैगिंग या सामान जबरदस्ती देने की शिकायत पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।