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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं तो न ईंधन मिलेगा, न फास्टैग! सरकार ला सकती है नया सख्त नियम – जानें पूरी डिटेल

👉 अगर आपकी गाड़ी का थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस नहीं है, तो तैयार हो जाइए भारी जुर्माने और नई पाबंदियों के लिए! 🚗💰 सरकार जल्द ला सकती है कड़े नियम, जानिए कैसे प्रभावित होंगे ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन सेवाएं

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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं तो न ईंधन मिलेगा, न फास्टैग! सरकार ला सकती है नया सख्त नियम – जानें पूरी डिटेल
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं तो न ईंधन मिलेगा, न फास्टैग! सरकार ला सकती है नया सख्त नियम – जानें पूरी डिटेल

भारत में थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) के नियमों को और सख्त करने की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से इस दिशा में कई सख्त कदम उठाने पर विचार करने को कहा है। नए प्रस्तावों के तहत, बिना बीमा वाले वाहनों को ईंधन भरने और फास्टैग (FASTag) लेन में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। इसके अलावा, बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों के मालिकों के ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) के नवीनीकरण (Renewal) पर भी रोक लगाने का सुझाव दिया गया है।

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस क्यों है जरूरी?

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (Motor Vehicles Act, 1988) के अनुसार, सभी वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। यह इंश्योरेंस किसी सड़क दुर्घटना में तीसरे पक्ष (Third Party) को हुए नुकसान की भरपाई करता है। यह कानून इसलिए लागू किया गया था ताकि सड़क पर दुर्घटना से प्रभावित किसी अन्य व्यक्ति को उचित मुआवजा मिल सके। हालांकि, इसके बावजूद भारतीय सड़कों पर 50% से अधिक वाहन बिना इंश्योरेंस के चल रहे हैं

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बिना इंश्योरेंस वाहन चालकों के लिए कड़े नियम

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मंत्रालय जल्द ही ऐसे प्रस्ताव ला सकता है, जिससे वाहन संबंधी सेवाओं को बीमा कवरेज से जोड़ा जा सके। इसका अर्थ यह होगा कि यदि वाहन का इंश्योरेंस नहीं है, तो उसे कुछ जरूरी सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है। राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी इन नए नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए जाएंगे।

संभावित नियम:

  1. बिना बीमा वाहन को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा – पेट्रोल पंपों पर वाहन का बीमा वैध न होने की स्थिति में ईंधन भरवाने की अनुमति नहीं दी जाएगी
  2. FASTag लेन में प्रवेश पर प्रतिबंध – बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों को टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) का उपयोग करने से रोका जा सकता है
  3. ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं होगा – यदि किसी वाहन का इंश्योरेंस नहीं है, तो उसके मालिक का ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) नवीनीकृत नहीं किया जाएगा
  4. वाहन पंजीकरण (Registration) पर असर – नए प्रस्तावों के अनुसार, बिना इंश्योरेंस के वाहन का पंजीकरण (Registration) भी निलंबित किया जा सकता है

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थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस न होने पर कितनी होगी सजा?

भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के अनुसार, 2024 में भारतीय सड़कों पर 35-40 करोड़ वाहनों में से केवल 50% के पास ही थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस था। जबकि मोटर वाहन अधिनियम के तहत, बिना इंश्योरेंस वाहन चलाना अपराध है

जुर्माने और सजा के प्रावधान:

  • पहली बार पकड़े जाने पर ₹2,000 तक का जुर्माना या तीन महीने की जेल, या दोनों
  • दूसरी बार अपराध करने पर ₹4,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सरकार का मानना है कि यदि कड़े कदम उठाए जाते हैं, तो अधिक लोग थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस लेने के लिए बाध्य होंगे, जिससे सड़क सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकेगा।

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सरकार क्यों कर रही है नए नियमों पर विचार?

भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और कई मामलों में पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिल पाता, क्योंकि वाहन का इंश्योरेंस नहीं होता। इस वजह से सरकार अब थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए नए उपायों पर विचार कर रही है

इन नियमों को लागू करने से:

  • सड़क दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित मुआवजा मिलेगा।
  • अनइंश्योर्ड वाहनों की संख्या कम होगी
  • बीमा कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे सड़क सुरक्षा से जुड़े फंड में वृद्धि होगी।

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नई व्यवस्था से वाहन मालिकों पर क्या असर पड़ेगा?

नए नियम लागू होने के बाद वाहन मालिकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनका इंश्योरेंस हमेशा अपडेट रहे। अन्यथा, वे कई जरूरी सेवाओं से वंचित हो सकते हैं, जैसे:

  • वाहन में पेट्रोल-डीजल नहीं भरवा पाएंगे।
  • टोल प्लाजा पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल रुक सकता है।

सरकार की नई रणनीति कब लागू होगी?

मंत्रालय अभी इन प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, लेकिन जल्द ही इन्हें विधायी रूप दिया जा सकता है। यदि नियम लागू होते हैं, तो वाहन मालिकों को जल्द से जल्द अपने वाहनों का थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस करवाना होगा, ताकि वे इन प्रतिबंधों से बच सकें

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