सरकार ने आंगनवाड़ी भर्ती (Anganwadi Bharti) को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे हजारों उम्मीदवारों को झटका लग सकता है। नए नियमों के तहत अब आयु सीमा (Age Limit) में किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। यह फैसला उन उम्मीदवारों के लिए एक नई चुनौती बन सकता है, जो उम्र सीमा पार करने के बावजूद आवेदन करने की उम्मीद लगाए बैठे थे।
अब तक, विभिन्न श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों में आयु सीमा में कुछ राहत दी जाती थी, लेकिन अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Women and Child Development Ministry) द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi Worker) और सहायिका (Anganwadi Helper) पदों के लिए आयु सीमा में कोई छूट नहीं दी जाएगी। यह बदलाव भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और अधिक युवाओं को अवसर देने के उद्देश्य से किया गया है।
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क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकार के अनुसार, इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को अधिक निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी बनाना है। पहले, कुछ वर्गों को अतिरिक्त आयु छूट (Age Relaxation) मिलती थी, जिससे अन्य उम्मीदवारों को असमान अवसर मिलते थे। नई नीति के तहत सभी आवेदकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित किया जाएगा।
इसके अलावा, मंत्रालय ने पाया कि कई बार आयु छूट का गलत उपयोग किया जाता था, जिससे भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं देखने को मिलती थीं। अब नए नियम लागू होने के बाद, केवल वही उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे जो निर्धारित आयु सीमा (Age Limit Criteria) में आते हैं।
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नई आयु सीमा क्या होगी?
मंत्रालय के मुताबिक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 35 वर्ष रखी गई है। वहीं, सहायिका पद के लिए भी यही आयु सीमा लागू होगी। पहले कुछ श्रेणियों को 5 से 10 वर्ष तक की छूट मिलती थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
उम्मीदवारों पर इसका क्या असर होगा?
इस फैसले का सबसे बड़ा असर उन उम्मीदवारों पर पड़ेगा, जो आयु सीमा में छूट के आधार पर आवेदन करने की योजना बना रहे थे। खासकर आरक्षित वर्ग (Reserved Category) के उम्मीदवारों को इस नए नियम से कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, कई महिलाएं जो शादी या पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण पहले आवेदन नहीं कर पाई थीं, उनके लिए अब यह मौका खो सकता है। हालाँकि, सरकार का कहना है कि यह कदम भर्ती प्रक्रिया में युवाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करेगा और योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया को मजबूत करेगा।
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क्या इस फैसले में बदलाव की उम्मीद है?
फिलहाल, मंत्रालय इस नीति को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रहा है। हालांकि, कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस बदलाव का विरोध किया है और सरकार से पुनर्विचार की मांग की है। लेकिन अभी तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।