नीट (NEET) 2025 में बदलाव की आधिकारिक घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा की गई है। उन्होंने कहा है कि परीक्षा का नया पैटर्न तैयार हो रहा है, जिसे छात्रों की सहूलियत और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर लागू किया जाएगा। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। प्रधान ने साफ किया कि ये बदलाव ऐसा नहीं होगा जो छात्रों पर अचानक दबाव डाले, बल्कि इसे संतुलित तरीके से लागू किया जाएगा।
‘बच्चों का मामला है, सावधानी जरूरी’
शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि जब बात 25 लाख छात्रों की हो, तो किसी भी बदलाव को अचानक लागू करना सही नहीं होगा। उन्होंने जेईई (JEE) और नीट (NEET) का उदाहरण देते हुए बताया कि जेईई एक कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट है, लेकिन नीट में बड़ी संख्या में छात्र शामिल होते हैं। “बच्चों के मामले में हमें उनके दृष्टिकोण से सोचने की जरूरत है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
नीट 2025 में क्या होगा नया?
नीट के नए पैटर्न को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय और राधाकृष्णन कमिटी मिलकर काम कर रहे हैं। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, तकनीकी रूप से उन्नत, और गड़बड़ियों से मुक्त बनाना है। जल्द ही नई गाइडलाइन्स जारी की जाएंगी। प्रधान ने कहा कि बदलावों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
एनटीए परीक्षाओं में पारदर्शिता की मांग
प्रधान ने एनटीए (NTA) द्वारा संचालित परीक्षाओं के मॉडल में यूपीएससी जैसी पवित्रता लाने की बात कही। उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया में राज्य और जिला स्तर की प्रशासनिक मशीनरी को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। इससे गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा और परीक्षा प्रक्रिया में पूरी जवाबदेही तय की जा सकेगी।
क्यों बदले जा रहे हैं नियम?
बीते वर्षों में नीट परीक्षा के दौरान पेपर लीक, डुप्लीकेट कैंडिडेट्स, और सेंटर से संबंधित अनियमितताओं के कई मामले सामने आए। इन विवादों ने छात्रों और उनके भविष्य पर गंभीर प्रभाव डाला। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उच्च स्तरीय कमिटी ने परीक्षा प्रणाली में सुधार के सुझाव दिए। इन सुधारों का उद्देश्य न केवल परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है, बल्कि छात्रों के लिए निष्पक्षता और विश्वास को बहाल करना भी है।