उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड और शीतलहर (Severe Cold Wave in Uttar Pradesh) ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस भीषण मौसम के प्रभाव को देखते हुए, प्रदेश सरकार ने छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में शीतकालीन अवकाश (Winter Break in Uttar Pradesh Schools) की घोषणा की है। यह फैसला बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) की ओर से लागू किया गया है।
14 जनवरी तक रहेगा अवकाश
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों और अन्य बोर्ड के कक्षा आठ तक के स्कूलों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है। यह निर्णय अर्धवार्षिक परीक्षाओं के ठीक बाद लिया गया है, जिससे छात्रों को ठंड के प्रकोप से राहत मिल सके। यह आदेश खासतौर पर बढ़ती ठंड और उससे होने वाले स्वास्थ्य खतरों के मद्देनजर लागू किया गया है।
सभी स्कूलों के लिए सख्त निर्देश
मथुरा के जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह के मार्गदर्शन में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA Uttar Pradesh Winter Break Order) सुनील दत्त ने इस अवकाश के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया है कि इस दौरान छात्रों को किसी भी गतिविधि के लिए स्कूल न बुलाया जाए।
शीतलहर से जनजीवन प्रभावित
कड़ाके की ठंड ने पूरे प्रदेश में जनजीवन को प्रभावित किया है। बाजारों में भीड़ कम हो गई है, और लोग अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हैं। प्रशासन ने जरूरतमंदों को राहत देने के लिए रैन बसेरों (Night Shelters for Cold Wave) और अलाव की व्यवस्था की है। सड़कों पर घूमने वाले बेघर और गरीब लोगों को ठंड से बचाने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं।
छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता
ठंड से होने वाली बीमारियों, जैसे सर्दी, जुकाम और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ गया है। विशेष रूप से बच्चे और बुजुर्ग इस मौसम में अधिक संवेदनशील होते हैं। छात्रों के स्वास्थ्य (Student Health During Winter Break) को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अवकाश के दौरान स्कूल किसी भी प्रकार की गतिविधि आयोजित नहीं करेंगे।
प्रशासन की नागरिकों से अपील
प्रदेश प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। साथ ही, प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि रैन बसेरों और अलाव की सुविधा हर जरूरतमंद तक पहुंचे।
ठंड से बचाव के उपाय
नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे गर्म कपड़े पहनें और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। सरकार ने स्थानीय निकायों को निर्देश दिया है कि ठंड से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अलाव और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।