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मंईयां सम्मान योजना में बिना आधार कार्ड नहीं मिलेंगे ₹2500, जानें जरूरी शर्तें

सरकार ने योजना को पारदर्शी बनाने के लिए आधार प्रमाणीकरण को जरूरी किया, लेकिन लाभार्थियों की समस्याएं बनी चुनौती। जानें नए नियम और जनवरी की किस्त का अपडेट।

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मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अब सभी लाभार्थियों के लिए आधार-Aadhaar अनिवार्य कर दिया गया है। इस योजना के लाभ के लिए महिलाओं को न केवल आधार संख्या उपलब्ध करानी होगी, बल्कि उन्हें आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया से भी गुजरना होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह कदम योजनाओं में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे राज्य की महिलाओं को बेहतर सेवाएं मिल सकें।

आधार अनिवार्यता और प्रक्रिया

योजना का लाभ उठाने के लिए जिन महिलाओं के पास आधार संख्या नहीं है, उन्हें पंजीकरण से पहले आधार नामांकन के लिए आवेदन करना होगा। सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं।

आधार के बिना वैकल्पिक पहचान

यदि किसी लाभार्थी के पास आधार संख्या नहीं है, तो उन्हें 10 निर्धारित पहचान पत्रों में से किसी एक को प्रस्तुत करना होगा। इन पहचान पत्रों के आधार पर उन्हें अस्थायी रूप से योजना का लाभ दिया जाएगा।

प्रमाणीकरण में समस्याओं के समाधान

यदि किसी कारणवश आधार प्रमाणीकरण असफल हो जाता है, जैसे कि फिंगरप्रिंट की गुणवत्ता खराब हो या बायोमेट्रिक्स में अन्य समस्या हो, तो सरकार ने वैकल्पिक समाधान प्रदान किए हैं। इन मामलों में आइरिस स्कैन या फेस ऑथेंटिकेशन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा ताकि लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल सके।

जनवरी माह की किस्त: जल्द खाते में हस्तांतरित होने की संभावना

इस योजना के तहत जनवरी माह का भुगतान 28 या 29 जनवरी को लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जा सकता है। जिलों में लाभुकों का सत्यापन और डेटा अपडेट करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना का लाभ सही समय पर सही लाभार्थी तक पहुंचे।

कोडरमा में मंईयां सम्मान योजना में सुधार के लिए प्रदर्शन

झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन (सीटू) के बैनर तले कोडरमा में मंईयां सम्मान योजना में त्रुटियों को दूर करने की मांग को लेकर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी चिल्ड्रेन पार्क से जुलूस निकालते हुए सदर प्रखंड सह अंचल कार्यालय पहुंचे। प्रदर्शन में “आवेदन में त्रुटि सुधार करो”, “पोर्टल चालू कर नया आवेदन स्वीकार करो”, और “लंबित सर्वजन पेंशन को स्वीकृत करो” जैसे नारे लगाए गए।

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प्रदर्शन का उद्देश्य

सीटू के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश ने सभा की अध्यक्षता की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योजना की खामियों को दूर करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना ने महिलाओं को हेमंत सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित किया था। इसके बावजूद हजारों महिलाएं अभी भी इस योजना के लाभ से वंचित हैं।

लाभार्थियों की समस्याएं

आवेदन में त्रुटियां

ऑनलाइन आवेदन में बैंक खाता और IFSC कोड की गलत प्रविष्टि के कारण कई महिलाओं को भुगतान नहीं मिल पा रहा है। यह समस्या व्यापक स्तर पर देखी जा रही है, जिससे सैकड़ों महिलाएं अंचल कार्यालयों का चक्कर काटने को मजबूर हैं।

निराशा और समाधान की आवश्यकता

लाभार्थियों की शिकायत है कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। सरकारी कार्यालयों में बार-बार जाने के बावजूद वे खाली हाथ लौट रही हैं। प्रदर्शन के दौरान यह मांग उठाई गई कि आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और त्रुटियों को शीघ्र सुधारने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

योजना का भविष्य

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना झारखंड की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य कर पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है। हालांकि, लाभार्थियों की समस्याओं का समाधान करना और तकनीकी खामियों को दूर करना भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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