न्यूज

खुशखबरी, खेती में लगी लागत किसानों को मिलेगी वापस! सरकार ने शुरू की गजब सब्सिडी स्कीम

सरकार की नई योजना से प्याज की गुणवत्ता होगी बेहतर, किसानों को मिलेगा ₹3500 प्रति टन तक का अनुदान। जानें पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज।

Published on

प्याज की खेती से जुड़ी समस्याओं का समाधान करते हुए राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से किसानों को उनकी प्याज फसल की गुणवत्ता बनाए रखने और अधिक आय अर्जित करने में मदद मिलेगी। सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम होगा और उन्हें बेहतर लाभ मिलेगा।

प्याज की गुणवत्ता और संग्रहण की समस्या

किसान अक्सर अपनी प्याज फसल को खुले में या स्थानीय गोदामों में संग्रहित करते हैं, जिससे प्याज के सड़ने और गुणवत्ता में कमी आने का खतरा रहता है। इसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ता है। इन समस्याओं को हल करने के लिए “शस्त्राशुद कंडाचल” खेती को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है। इस तकनीक से प्याज की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिलते हैं।

योजना के तहत किसानों को मिलने वाली सब्सिडी

राज्य सरकार ने प्याज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत, किसानों को प्याज की खेती में आने वाली लागत का 50% या अधिकतम ₹3500/- प्रति टन तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी 25 टन तक की क्षमता के लिए लागू होगी।

अनुदान की प्रकृति:

योजना के अंतर्गत किसानों को 5, 10, 15, 20, और 25 टन क्षमता के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। सब्सिडी की सीमा अधिकतम ₹3500/- प्रति टन होगी। हालांकि, यह लाभ केवल 25 टन तक सीमित रहेगा।

यह सब्सिडी प्याज की विभिन्न किस्मों के लिए निर्धारित है, जिससे किसानों को उनकी जरूरतों के अनुसार लाभ मिलेगा।

पात्रता और आवश्यक दस्तावेज

योजना की पात्रता:

  • किसान के पास अपनी कृषि भूमि होनी चाहिए।
  • प्याज की फसल का विवरण 7/12 में दर्ज होना चाहिए।
  • लाभ व्यक्तिगत किसान, किसान समूह, स्वयं सहायता समूह, किसान महिला समूह, किसान उत्पादक संघ, पंजीकृत कृषि समितियों, सहकारी समितियों और विपणन संघों को मिलेगा।

आवश्यक दस्तावेज:

  • 7/12 प्रतिलेख
  • 8 ए दस्तावेज
  • आधार कार्ड की फोटोकॉपी
  • आधार से जुड़े बैंक खाते की पासबुक का प्रथम पृष्ठ
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित हैं)
  • पूर्व में योजना का लाभ न लेने का शपथ पत्र

योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया

किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। यह प्रक्रिया http://www.hortnet.gov.in पर उपलब्ध है। पंजीकरण के बाद, किसान को उपरोक्त दस्तावेजों के साथ अपने नजदीकी तालुका कृषि अधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा।

आवेदन स्वीकृत होने के बाद ही किसान प्याज की कंडाचल खेती शुरू कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत यह खेती दो महीने के भीतर स्थापित की जानी चाहिए।

योजना का उद्देश्य और लाभ

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और प्याज फसल की बर्बादी को रोकना है। शस्त्राशुद कंडाचल तकनीक के माध्यम से प्याज की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे किसानों को बाजार में उच्च कीमत मिलती है। सब्सिडी का लाभ मिलने से किसानों पर आर्थिक बोझ कम होगा और वे अपनी आय को बढ़ाने में सक्षम होंगे।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें