सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड से सस्ता राशन लेने वाले लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दिया गया है। यदि आपने अब तक अपनी ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो इसे 31 जनवरी तक पूरा कर लें, अन्यथा आपको राशन से वंचित रहना पड़ सकता है।
ई-केवाईसी की प्रक्रिया का उद्देश्य फर्जीवाड़े को रोकना और योग्य लाभार्थियों को योजना का लाभ सुनिश्चित करना है। श्रीगंगानगर जैसे जिलों में अब तक 56.67% ई-केवाईसी हो चुकी है, लेकिन कई जिलों में यह आंकड़ा 50% से कम है। बांसवाड़ा (20.34%), उदयपुर (24.61%), और डूंगरपुर (26.62%) सबसे कम ई-केवाईसी वाले जिले हैं।
ई-केवाईसी करवाने की प्रक्रिया
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत ई-केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। कार्यवाहक सिरोही जिला रसद अधिकारी रंजीत चौधरी के अनुसार, 10 वर्ष से छोटे और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थियों को ई-केवाईसी से छूट दी गई है। 5 से 10 वर्ष के बच्चों का आधार अपडेट होने के बाद इसे किसी भी राशन डीलर के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।
लाभार्थी बायोमेट्रिक या आइरिश स्कैनर का उपयोग करके ई-केवाईसी करवा सकते हैं। यदि प्रक्रिया में कोई तकनीकी समस्या आती है, तो रसद विभाग द्वारा उसका समाधान किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए लाभार्थी अपने नजदीकी राशन डीलर से संपर्क कर सकते हैं।
ई-केवाईसी न कराने के कारण
ई-केवाईसी न कर पाने के पीछे कई कारण सामने आए हैं:
- परिवार के सदस्यों के पास आधार कार्ड की अनुपलब्धता।
- परिवार के लोग मजदूरी या अन्य कारणों से दूसरे शहर में होने के कारण ई-केवाईसी नहीं करवा पा रहे हैं।
- कई मामलों में राशन कार्ड में सदस्यों के नाम अपडेट नहीं होने के कारण प्रक्रिया बाधित है।
- नए नियमों के तहत वाहन मालिक या आयकर दाता पाए जाने पर वसूली के डर से भी कई लोग इसे करवाने से बच रहे हैं।
ई-केवाईसी के महत्व को समझें
सरकार की योजना का उद्देश्य फर्जी लाभार्थियों को हटाना और असली जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाना है। ई-केवाईसी न केवल योजना की पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर पात्र परिवार को सही समय पर लाभ मिले।