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राशन कार्ड वाले सावधान, खाद्य सुरक्षा योजना से नाम हटाने का अंतिम मौका, इसके बाद बैंक खाते से कटेगा पैसा

31 जनवरी 2025 तक अपात्र परिवारों को नाम हटाने का मौका, नहीं तो होगी बाजार दर से वसूली। जानें कैसे फर्जी लाभार्थियों पर कसेगा कानून का शिकंजा।

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राशन वितरण में गड़बड़ियों को रोकने और गरीबों को उनके अधिकार दिलाने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत GIVE-UP अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान उन अपात्र परिवारों को हटाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, जो योजना के तहत अयोग्य हैं लेकिन अभी भी इसका लाभ ले रहे हैं।

सीकर जिला रसद अधिकारी नरेश शर्मा ने जानकारी दी कि यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान स्वेच्छा से अपना नाम हटाने वाले परिवारों को चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने पर उन्हें कानूनी और आर्थिक दंड भुगतना पड़ सकता है।

स्वेच्छा से नाम हटाने की प्रक्रिया और समय सीमा

अभियान के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल ऐसे सक्षम परिवार, जो इसके लिए पात्र नहीं हैं, अपने उचित मूल्य की दुकानों पर जाकर नाम हटाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है।

यदि कोई सक्षम परिवार स्वेच्छा से अपना नाम नहीं हटवाता है, तो उन्हें योजना के तहत ली गई सामग्री की बाजार दर से वसूली करनी होगी। साथ ही, अपात्र परिवारों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।

अपात्र परिवारों की सूची में कौन हैं शामिल?

रसद अधिकारी ने बताया कि GIVE-UP अभियान के तहत ऐसे परिवार और व्यक्ति अपात्र माने जाएंगे जो निम्नलिखित मापदंडों के अंतर्गत आते हैं:

  1. आयकरदाता परिवार।
  2. परिवार का कोई सदस्य सरकारी, अर्द्ध-सरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में कर्मचारी या अधिकारी हो।
  3. परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक हो।
  4. परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (जैसे ट्रैक्टर, जो जीविकोपार्जन में उपयोग होता है, उसे छोड़कर)।

इस श्रेणी में आने वाले सभी परिवार अपने क्षेत्रीय उचित मूल्य की दुकानों पर जाकर आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं। जमा किए गए आवेदन संबंधित सक्षम प्राधिकृत अधिकारी द्वारा सत्यापित किए जाएंगे और उसके बाद अपात्रों का नाम सूची से हटा दिया जाएगा।

अब तक हटाए गए नाम और आंकड़े

अभियान के तहत 3 दिसंबर 2024 से 7 जनवरी 2025 तक कुल 401 राशन कार्ड के आवेदनों पर कार्रवाई की गई है। इन आवेदनों के तहत 1852 सदस्यों का नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिया गया है। यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे जरूरतमंदों को राहत मिलने की संभावना है।

सरकारी कर्मचारियों से वसूली की प्रक्रिया

खाद्य विभाग ने साफ किया है कि ऐसे सरकारी और अर्द्ध-सरकारी कर्मचारी, जो इस योजना के लिए अयोग्य हैं और अब भी लाभ उठा रहे हैं, उनसे वसूली की जाएगी।

यदि कोई सरकारी कर्मचारी नोटिस के बावजूद राशि जमा नहीं करता है, तो वह राशि सीधे उनके वेतन से काटी जाएगी। विभाग ने सख्ती से कहा है कि इस तरह के मामलों में फर्जीवाड़ा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

योजना का उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को पारदर्शी बनाना है। अपात्र व्यक्तियों और परिवारों को हटाने से गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लोगों को उनके हक का राशन समय पर मिल सकेगा।

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