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Land Registration New Rules 2025: जमीन रजिस्ट्री के लिए नया नियम लागू! खरीददार और विक्रेता को मानने होंगे ये नियम!

भारत में Land Registration के नए नियमों ने रजिस्ट्रेशन को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बना दिया है! अब आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और डिजिटल पेमेंट से धोखाधड़ी पर लगेगी रोक! जानिए दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल में भूमि पंजीकरण की नई प्रक्रिया और स्टांप ड्यूटी दरें

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Land Registration New Rules 2025: जमीन रजिस्ट्री के लिए नया नियम लागू! खरीददार और विक्रेता को मानने होंगे ये नियम!
Land Registration New Rules 2025: जमीन रजिस्ट्री के लिए नया नियम लागू! खरीददार और विक्रेता को मानने होंगे ये नियम!

भारत सरकार ने भूमि पंजीकरण (Land Registration) को तेज़, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होंगे और इनमें ऑनलाइन पंजीकरण, आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी सुविधाएँ जोड़ी गई हैं। इस पहल का उद्देश्य जमीनी संपत्तियों से जुड़े विवादों को कम करना और डिजिटल प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में यह प्रक्रिया लागू हो रही है।

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भूमि पंजीकरण प्रक्रिया का उद्देश्य और नए बदलाव

भूमि पंजीकरण का मुख्य उद्देश्य संपत्ति के स्वामित्व को कानूनी रूप से मान्यता देना है। इससे न केवल खरीदार और विक्रेता को सुरक्षा मिलती है, बल्कि सरकार की आय में भी वृद्धि होती है। नए नियमों के तहत अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, जिससे लोगों को लंबी कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी।

नए नियमों के मुख्य बिंदु:

  • ऑनलाइन प्रक्रिया: अब संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड किए जा सकते हैं।
  • आधार कार्ड लिंकिंग: अब संपत्ति रिकॉर्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
  • वीडियो रिकॉर्डिंग: खरीददार और विक्रेता के बीच पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी।
  • बायोमेट्रिक सत्यापन: पंजीकरण के समय आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन करना अनिवार्य होगा।
  • डिजिटल भुगतान: स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यमों जैसे UPI और नेट बैंकिंग से किया जाएगा।

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दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भूमि पंजीकरण के नए नियम

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में नए नियमों के तहत अब नागरिकों को संपत्ति पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। स्टांप ड्यूटी में भी कुछ बदलाव किए गए हैं:

  • दिल्ली: पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी 6% और महिलाओं के लिए 4% रखी गई है।
  • उत्तर प्रदेश: स्टांप ड्यूटी 7% तक हो सकती है।
  • ऑनलाइन दस्तावेज़ अपलोडिंग: अब आवेदनकर्ता अपनी संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज़ डिजिटल पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।

बिहार और झारखंड में भूमि पंजीकरण प्रक्रिया

बिहार और झारखंड सरकारों ने भी भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं।

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  • झारखंड: “नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम” (NGDRS) लागू किया गया है, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है।
  • बिहार: महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में विशेष छूट दी गई है। साथ ही, ऑनलाइन आवेदन और भुगतान की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है।
  • बायोमेट्रिक सत्यापन: अब बायोमेट्रिक सत्यापन के बिना कोई भी संपत्ति पंजीकरण संभव नहीं होगा।

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ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भूमि पंजीकरण में डिजिटल बदलाव

ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार ने भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ करने और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।

  • ओडिशा: भूमि रिकॉर्ड्स पूरी तरह से डिजिटाइज़ किए गए हैं, जिससे ऑनलाइन सत्यापन करना आसान हो गया है। स्टांप ड्यूटी 5% तक रखी गई है।
  • पश्चिम बंगाल: “भुलेख” पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिससे नागरिक अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड आसानी से देख सकते हैं। शहरी क्षेत्रों में अतिरिक्त अधिभार लागू किया गया है।

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भूमि पंजीकरण की चरणबद्ध प्रक्रिया

  1. दस्तावेज़ तैयार करना: बिक्री विलेख (Sale Deed), गैर-भार प्रमाणपत्र (Non-Encumbrance Certificate), आदि।
  2. शुल्क भुगतान: स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।
  3. आवेदन जमा करना: सभी दस्तावेज़ डिजिटल पोर्टल पर अपलोड करें।
  4. बायोमेट्रिक सत्यापन: आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन पूरा करें।
  5. डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त करना: सफलतापूर्वक पंजीकरण के बाद डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त करें।

नए नियमों के लाभ

  • पारदर्शिता में वृद्धि: वीडियो रिकॉर्डिंग और आधार लिंकिंग से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
  • समय की बचत: लंबी कतारों से बचने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रणाली लागू की गई है।
  • सरकार की आय में वृद्धि: डिजिटल भुगतान से राजस्व संग्रहण बढ़ेगा।

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आवश्यक दस्तावेज़

  1. आधार कार्ड
  2. पैन कार्ड
  3. बिक्री विलेख (Sale Deed)
  4. गैर-भार प्रमाणपत्र (Non-Encumbrance Certificate)
  5. राजस्व रिकॉर्ड्स
  6. नगरपालिका कर रसीदें (Municipal Tax Receipts)

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