बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना पर अब जमीनी स्तर पर कार्य शुरू हो चुका है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में मध्यप्रदेश के धार, खरगोन और बड़वानी जैसे आदिवासी बहुल जिलों के 77 गांवों से रेल लाइन गुजरेगी। परियोजना के अंतर्गत नवंबर 2024 में रेलवे मंत्रालय ने इन गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। अब, मंत्रालय ने इंदौर जिले के महू तहसील के 18 गांवों की सूची जारी की है, जिनकी जमीन अधिग्रहण के लिए चिन्हित की गई है।
आदिवासी इलाकों में रेल सेवा की शुरुआत
इस नई रेल लाइन से मध्यप्रदेश के धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के आदिवासी अंचल को पहली बार रेल सेवा से जोड़ा जाएगा। यह परियोजना लगभग एक हजार गांवों और 30 लाख से अधिक की आबादी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का काम करेगी। इन इलाकों में रेल लाइन का आना विकास की नई राहें खोलेगा और ग्रामीण परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
परियोजना के पूरा होने पर रेल मंत्रालय का अनुमान है कि 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होगा, जिससे शुरुआती वर्षों में 50 लाख यात्री सफर करेंगे। साथ ही, रेलवे को इससे हर साल 900 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा।
इंदौर से मुंबई की दूरी होगी कम
यह नई रेल लाइन इंदौर और मुंबई के बीच की दूरी को 830 किमी से घटाकर केवल 568 किमी कर देगी। इससे यात्रियों और व्यापारियों दोनों को समय और लागत की बड़ी बचत होगी। सांसद शंकर लालवानी ने इस परियोजना को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इस पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि रेल मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति की है और आगामी बजट में इस परियोजना के लिए बड़ी राशि का प्रावधान किया जाएगा।
महू तहसील के 18 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित
रेल मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, इंदौर जिले की महू तहसील के 18 गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए चिन्हित की गई है। इन गांवों में खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा, कुराड़ाखेड़ी, अहिल्यापुर, नांदेड़, जामली, केलोद, बेरछा, गवली पलासिया, आशापुरा, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चौरड़िया, न्यू गुराडिया और महू कैंटोन्मेंट एरिया शामिल हैं।
इसके अलावा, महाराष्ट्र के धुले और शिंदखेड़ा इलाकों में भी जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। परियोजना के लिए इन इलाकों में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
प्रोजेक्ट से जुड़े प्रमुख लाभ
- इस परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को नई गति मिलेगी और आदिवासी इलाकों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
- व्यापार और उद्योग को बेहतर रेल नेटवर्क के कारण बड़ा लाभ होगा, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- इंदौर-मुंबई के बीच यात्री और माल यातायात में समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
- पर्यावरण के लिहाज से भी यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सड़क यातायात के बोझ को कम कर रिन्यूएबल एनर्जी आधारित रेल परिवहन को बढ़ावा देगा।
काम में आई तेजी, उम्मीदों को मिला सहारा
रेल मंत्रालय ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए आवश्यक प्रक्रिया को गति देते हुए अधिकारियों की तैनाती कर दी है। इसके साथ ही, भूमि अधिग्रहण कार्य में भी तेजी लाई गई है। आगामी बजट में परियोजना के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किए जाने की संभावना है, जिससे यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो सके।