वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी, जिससे टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीदें हैं। मौजूदा समय में इनकम टैक्स (Income Tax) को लेकर हर वर्ग उत्साहित है, खासतौर पर वे लोग जो 10 लाख रुपये तक की सालाना आय अर्जित करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार इस बार इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव कर सकती है। 10 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री करने की चर्चा ज़ोरों पर है। अगर यह कदम उठाया गया तो मिडल क्लास (Middle Class) के हाथ में अधिक पैसा बचेगा, जिससे न केवल उनकी बचत बढ़ेगी, बल्कि खपत भी बढ़ेगी।
न्यू टैक्स रिजीम पर हो सकता है ध्यान
2020 में वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) की शुरुआत की थी, जो कम टैक्स रेट और सरलता के कारण अब टैक्सपेयर्स के बीच लोकप्रिय हो रही है। हालांकि, इसमें निवेश और होम लोन जैसे डिडक्शन्स (Tax Deductions) का लाभ नहीं मिलता, लेकिन सरकार इस प्रणाली को और आकर्षक बनाने के लिए विचार कर रही है। 72% से ज्यादा टैक्सपेयर्स अब इस नई व्यवस्था का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो इसकी सफलता को दर्शाता है।
टैक्सपेयर्स का रुझान और जीरो ITR का आंकड़ा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के डेटा के मुताबिक, 2023-24 में 70% टैक्सपेयर्स ने जीरो ITR फाइल किया, यानी उनकी आय 5 लाख रुपये से कम थी। वहीं, 88% टैक्सपेयर्स की आय 10 लाख रुपये से कम थी। सरकार को सर्वाधिक राजस्व 10-15 लाख रुपये की आय वाले टैक्सपेयर्स से मिलता है। ऐसे में इस वर्ग के लिए टैक्स घटाने पर विचार किया जा सकता है।
10 लाख तक की इनकम टैक्स-फ्री करने का प्रभाव
अगर सरकार 10 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री कर देती है, तो इसका सीधा लाभ मिडल क्लास को मिलेगा। इसके साथ ही, यह कदम अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। ज्यादा पैसे बचने पर लोग खपत में वृद्धि करेंगे, जिससे बाज़ार और उद्योगों को गति मिलेगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है।