जन्मदिन हर व्यक्ति के जीवन का खास दिन होता है। इसे लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं, जैसे कि मंदिर जाकर पूजा करना, दान करना, या दोस्तों और परिवार के साथ पार्टी करना। आज के समय में, केक काटने का चलन अधिक प्रचलित हो गया है। लेकिन तुलसी पीठ के जगद्गुरु रामभद्राचार्य इसे गलत मानते हैं। उनका कहना है कि केक काटने से आयु में कमी होती है और यह हमारी परंपराओं के खिलाफ है।
बर्थडे पर केक काटना क्यों गलत है?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य का मानना है कि बर्थडे सेलिब्रेशन का यह तरीका हमारी संस्कृति और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। वे कहते हैं कि केक काटना केवल पश्चिमी परंपराओं की नकल है और इसके कारण व्यक्ति की आयु में कमी हो सकती है। उनके अनुसार, जन्मदिन के दिन शराब का सेवन, केक काटना, और दिखावटी पार्टियों से बचना चाहिए।
उनका कहना है कि जिस बच्चे की आयु 10 वर्ष होनी चाहिए, वह ऐसे गलत तरीकों के कारण केवल 5 साल ही जीवित रह सकता है। इसलिए, जन्मदिन को भव्य पार्टियों के बजाय आध्यात्मिक और सकारात्मक तरीकों से मनाना चाहिए।
जन्मदिन मनाने का सही तरीका
जगद्गुरु रामभद्राचार्य का सुझाव है कि जन्मदिन के दिन सुंदरकांड का पाठ करवाएं। ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा होती है और आयु में वृद्धि होती है। उनका कहना है कि हर माता-पिता को अपने बेटे और बेटी दोनों का जन्मदिन समान रूप से मनाना चाहिए, क्योंकि यह भेदभाव समाज के लिए हानिकारक है।
बच्चों को संस्कार देना क्यों है ज़रूरी?
रामभद्राचार्य के अनुसार, माता-पिता को बच्चों में अच्छे संस्कार डालने चाहिए। बच्चों को रोज़ाना भगवान राम को प्रणाम करने और उनके आशीर्वाद लेने की शिक्षा दी जानी चाहिए। वे अंडे और अन्य अशुद्ध खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह देते हैं। भगवान राम की कृपा से बच्चा न केवल जीवन में सफल होगा, बल्कि हर परीक्षा में उत्तीर्ण होगा और हर संकट से बच सकेगा।