भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति मानसिक शांति की तलाश में है। अध्यात्म और भक्ति में डूबे वातावरण में जीवन जीने की चाह आज हर इंसान को अपने घर के आसपास मंदिर या धार्मिक स्थल के करीब बसने के लिए प्रेरित कर रही है। लोगों का मानना है कि मंदिर के पास रहने से न केवल मन में शांति रहती है बल्कि आध्यात्मिकता का विकास भी होता है। लेकिन क्या यह वास्तु शास्त्र के अनुसार उचित है? आइए जानते हैं मंदिर के पास घर होने के फायदे और इसके वास्तु दोष से बचने के उपाय।
मंदिर के पास रहने की मानसिकता और आध्यात्मिक प्रभाव
मंदिर के आसपास घर बनाना या रहना हमेशा से ही धार्मिक और भक्ति से भरे वातावरण का प्रतीक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर के पास रहने से व्यक्ति का मन निर्मल और शांत रहता है। धार्मिक स्थान के करीब रहने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्थिरता भी बढ़ती है।
धार्मिक दृष्टि से, मंदिरों के पास रहने वाले लोग पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक गतिविधियों में अधिक भाग ले पाते हैं, जिससे उनका आध्यात्मिक विकास होता है। इसके अलावा, मंदिरों में होने वाले भजन और आरती के स्वर व्यक्ति के मन को सुकून देते हैं।
वास्तु शास्त्र का दृष्टिकोण
हालांकि मंदिर के पास घर बनाना आध्यात्मिक दृष्टिकोण से फायदेमंद माना जाता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार यह कई बार अशुभ भी हो सकता है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मंदिर की छाया आपके घर पर पड़ती है तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकती है। इसे ‘छाया वेध’ कहा जाता है।
छाया वेध: वैज्ञानिक और वास्तु दृष्टि से प्रभाव
वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि प्रातः काल सूर्य की किरणें घर में प्रवेश करना अत्यंत शुभ होता है। लेकिन यदि मंदिर, पेड़, पहाड़ या किसी बड़े भवन की छाया आपके घर पर छह घंटे से अधिक रहती है, तो यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर सकती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी, सुबह की धूप न मिलने से घर में रहने वाले लोगों की शारीरिक और मानसिक ऊर्जा प्रभावित हो सकती है।
इसके अलावा, मंदिर की सीढ़ियों या मुख्य द्वार के सामने घर बनाना भी शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि यह ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर सकता है।
वास्तु दोष दूर करने के उपाय
अगर आपका घर मंदिर के पास स्थित है और वास्तु दोष से प्रभावित है, तो इससे बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप मंदिर के पास रहने के लाभ उठा सकते हैं और वास्तु दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
1. तुलसी का पौधा लगाएं
घर में तुलसी का पौधा रखना वास्तु दोष को दूर करने में मदद करता है। तुलसी सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है और इसके घर में होने से नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
2. धातु का उपयोग करें
मुख्य दरवाजे पर पंचधातु का प्रयोग करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
3. नियमित पूजा और ध्यान
रोजाना पूजा और ध्यान करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है। धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेना आपके मन को शांत रखने में मदद करता है।
4. दिशा का ध्यान रखें
घर के निर्माण के समय यह सुनिश्चित करें कि मंदिर की छाया आपके मुख्य द्वार या खिड़कियों पर न पड़े।
5. सूर्य की किरणें सुनिश्चित करें
घर में सूर्य की किरणों के प्रवेश को सुनिश्चित करने के लिए खिड़कियां और दरवाजे उचित दिशा में बनवाएं।
धार्मिक विश्वास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संतुलन
मंदिर के पास घर बनाना धार्मिक और मानसिक रूप से संतोषजनक हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना भी आवश्यक है। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संतुलन बनाकर आप अपने जीवन को अधिक सकारात्मक और शांतिपूर्ण बना सकते हैं।
मंदिर के पास रहने के फैसले को अपनाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका घर वास्तु दोष से मुक्त हो। अगर कोई दोष है, तो उसे दूर करने के लिए ऊपर बताए गए उपाय अपनाएं।