अलवर जिले में इन दिनों तेज सर्दी और शीतलहर का प्रकोप जारी है। इसे देखते हुए जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला ने 14 जनवरी से 18 जनवरी तक कक्षा 1 से 5 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है। यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और ठंड से बचाव को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। इस कदम ने अभिभावकों को राहत की सांस दी है, जो तेज सर्दी के कारण बच्चों को स्कूल भेजने में परेशान हो रहे थे।
सर्दी का बच्चों पर बढ़ता प्रभाव
इन दिनों सुबह और रात के समय तापमान में तेज गिरावट और शीतलहर ने पूरे जिले को अपनी चपेट में ले लिया है। चिकित्सकों का कहना है कि छोटे बच्चों में इस मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। जिला प्रशासन ने बच्चों की इन संभावित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया।
स्कूलों को जारी किए गए दिशा-निर्देश
जिला कलेक्टर ने आदेश दिया है कि स्कूलों में 14 से 18 जनवरी तक बच्चों की कक्षाएं न लगाई जाएं। हालांकि, स्कूल प्रशासन अपने अन्य प्रशासनिक कार्य जारी रख सकता है। आदेश के तहत, सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन दिशा-निर्देशों का पालन करें। नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। स्थानीय निवासी रितु शर्मा ने कहा, “बच्चों को इतनी ठंड में स्कूल भेजना काफी मुश्किल हो रहा था। प्रशासन का यह निर्णय सही समय पर लिया गया।” अभिभावकों ने जिला प्रशासन के इस कदम को एक सकारात्मक पहल बताया है।
सर्दी से बचाव के उपाय और प्रशासन की सतर्कता
जिला प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों को सर्दी से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी है। गर्म कपड़े पहनाना, ठंडे पानी से बचाव और पौष्टिक आहार पर ध्यान देना आवश्यक है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर आगे की योजना बनाई जाएगी।
स्कूलों पर सख्ती
जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, “यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा के लिए है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। आदेश न मानने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
भविष्य की योजनाएं
जिला प्रशासन ने मौसम के आधार पर आगे भी आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। यदि ठंड का प्रकोप जारी रहता है, तो अवकाश को आगे बढ़ाया जा सकता है। मौसम विभाग के साथ लगातार संपर्क में रहकर प्रशासन आवश्यक निर्णय लेगा।