केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) को मिलने वाले महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में वृद्धि के चलते अब ग्रेच्युटी की अधिकतम लिमिट 25 लाख रुपये हो गई है। यह नया नियम 1 जनवरी 2024 से लागू हो गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और महंगाई भत्ते के 50% से अधिक पहुंचने के बाद, केंद्र सरकार ने रिटायरमेंट पर मिलने वाली इस रकम को पूरी तरह टैक्स-फ्री (Tax-Free) कर दिया है।
अब मिलेगी 25 लाख रुपये ग्रेच्युटी
मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवांस और पेंशन्स के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी लिमिट को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया गया है। इस बदलाव से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा।
ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी (Gratuity) एक सम्मान राशि है, जो कर्मचारियों को उनके सेवाकाल की समाप्ति पर दी जाती है। यह एम्पलॉय की ग्रास सैलरी का हिस्सा होती है और उनके लंबे समय तक सेवा देने के लिए एक वित्तीय सुरक्षा के रूप में प्रदान की जाती है। आमतौर पर ग्रेच्युटी तभी दी जाती है जब कर्मचारी ने कम से कम 5 साल तक सेवा दी हो। हालांकि, किसी कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता के मामलों में यह नियम लागू नहीं होता।
कैसे होती है ग्रेच्युटी की गणना?
ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन एक निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार किया जाता है:
ग्रेच्युटी = (आखिरी ड्रॉ सैलरी × सेवा के कुल वर्ष × 15)/26
यहां आखिरी ड्रॉ सैलरी में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता शामिल होता है। 5 साल तक लगातार सेवा देने वाले कर्मचारियों के लिए यह गणना लागू होती है।
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन नियमों में बदलाव की मांग
हालिया प्री-बजट मीटिंग में ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से ग्रेच्युटी कैलकुलेशन नियमों को संशोधित करने का अनुरोध किया। उन्होंने मौजूदा फॉर्मूले में “15 दिनों की सैलरी” की जगह “एक महीने की सैलरी” को आधार बनाने की मांग की है। यदि यह बदलाव लागू होता है, तो रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को बड़ी धनराशि मिल सकती है।