देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है। बुधवार (15 जनवरी) को एक्यूआई (AQI) बढ़कर 400 के पार पहुंच गया, जिससे GRAP-4 का चौथा चरण लागू कर दिया गया। यह कदम वायु गुणवत्ता को सुधारने और आम जनता की सेहत की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। GRAP-4 के तहत दिल्ली-एनसीआर में कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिनमें कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर रोक और गाड़ियों के लिए नए नियम शामिल हैं।
GRAP-4 के अंतर्गत लागू किए गए प्रतिबंध
GRAP-4 के तहत दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, जनहित के प्रोजेक्ट्स जैसे सड़क निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण निर्माण कार्य इस प्रतिबंध से अछूते रहेंगे। साथ ही, स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाने की अनुमति दी गई है, जिससे छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में पढ़ाई जारी रख सकें।
इसके अलावा, पत्थरों की तोड़फोड़ और खनन पर भी सख्त पाबंदी लगाई गई है। वाहनों की बात करें तो BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल गाड़ियों पर रोक लागू है। हालांकि, आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई कर रहे ट्रकों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक और मौसम का हाल
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बुधवार को न्यूनतम तापमान 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.7 डिग्री अधिक है। वहीं, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 336 पर रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। मौसम विभाग ने अगले दिन हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार हो सकता है।
GRAP-4 कब और कैसे लागू होता है?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) वायु प्रदूषण से निपटने के लिए चार चरणों में काम करता है। पहला चरण तब लागू होता है, जब AQI 201 से 300 के बीच रहता है। दूसरा चरण AQI 301 से 400 के बीच में लागू होता है। तीसरा चरण AQI 401 से 450 होने पर लागू किया जाता है। GRAP-4 का अंतिम चरण तब लागू होता है, जब AQI 450 से अधिक हो जाता है।
इस चौथे चरण में सबसे सख्त पाबंदियां लागू की जाती हैं, ताकि प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जा सके। यह सुनिश्चित किया जाता है कि नियमों का पालन सख्ती से हो और प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर रोक लगाई जाए।