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सरकार का बड़ा फैसला! इन कर्मचारियों को मिलेगी जबरन रिटायरमेंट, लिटिगेशन पॉलिसी जल्द ही होगी तैयार Employees Retirement

हरियाणा सरकार ने सुस्त और लापरवाह सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए Forced Retirement का नियम लागू कर दिया है! 🤯 जानिए किन कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई, समीक्षा कमेटी कैसे करेगी फैसला, और क्या आपके लिए भी खतरा मंडरा रहा है? पूरी जानकारी पढ़ें📢🔥

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सरकार का बड़ा फैसला! इन कर्मचारियों को मिलेगी जबरन रिटायरमेंट, लिटिगेशन पॉलिसी जल्द ही होगी तैयार Employees Retirement
सरकार का बड़ा फैसला! इन कर्मचारियों को मिलेगी जबरन रिटायरमेंट, लिटिगेशन पॉलिसी जल्द ही होगी तैयार Employees Retirement

हरियाणा सरकार ने सरकारी विभागों में सुस्त और खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। अब 50 साल से अधिक उम्र के उन कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Forced Retirement) दी जाएगी, जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सभी विभागों में विशेष समीक्षा कमेटियों के गठन के निर्देश दिए हैं।

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हरियाणा सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम सरकारी कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने और प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाने के लिए एक प्रभावी प्रयास माना जा रहा है। यह नीति उन कर्मचारियों के लिए चेतावनी की तरह है, जो अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन नहीं कर रहे हैं। हालांकि, कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए भी सरकार को पूरी पारदर्शिता बनाए रखने की जरूरत होगी।

समीक्षा कमेटियों का गठन होगा

मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने हाल ही में आयोजित एक बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों की कार्यशैली की समीक्षा के लिए कमेटियां बनाई जाएं। यही प्रक्रिया सरकारी बोर्ड और निगमों में भी लागू होगी। समीक्षा कमेटियां कर्मचारियों के पिछले कुछ वर्षों के कार्यों की जांच करेंगी और उनकी कार्यशैली, अनुशासन और विभागीय योगदान के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेंगी। इस रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कर्मचारी को जबरन रिटायर किया जाए या नहीं।

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सरकार की लिटिगेशन पॉलिसी होगी प्रभावी

मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि जल्द ही एक लिटिगेशन पॉलिसी (Litigation Policy) लागू की जाएगी, जिससे कर्मचारियों से जुड़े कानूनी विवादों को कम किया जा सके। इस नीति के आने के बाद कर्मचारियों को अनावश्यक मुकदमों से बचाया जाएगा और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा।

2019 में हुआ था नीति में संशोधन

हरियाणा सरकार ने 2019 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की नीति में बदलाव किया था। उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आदेश दिया था कि 50 साल से अधिक उम्र के उन कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त किया जाए, जिनका प्रदर्शन खराब है। अब इस नीति को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समीक्षा कमेटियों की नियुक्ति की जा रही है।

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किन कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल उन्हीं कर्मचारियों पर लागू होगी, जिनका प्रदर्शन लंबे समय से खराब रहा है। ऐसे कर्मचारी, जो लापरवाही बरतते हैं, समय पर कार्य पूरा नहीं करते, भ्रष्टाचार में लिप्त हैं या अनुशासनहीनता में शामिल हैं, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।

कर्मचारियों के प्रदर्शन की होगी गहन जांच

समीक्षा कमेटियां कर्मचारियों के प्रदर्शन की गहन समीक्षा करेंगी। उनकी कार्यशैली, अनुशासन और उत्पादकता का आकलन किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी लगातार खराब प्रदर्शन करता है, तो उसे जबरन सेवानिवृत्ति दी जा सकती है।

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कर्मचारियों की प्रतिक्रियाएं

हरियाणा सरकार के इस फैसले को लेकर कर्मचारियों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह सरकारी कार्यशैली में सुधार लाने के लिए सही कदम है, जबकि कुछ का कहना है कि यह सरकारी कर्मचारियों पर अनुचित दबाव बनाने का तरीका है। कई कर्मचारी इस बात से सहमत हैं कि कार्यस्थल पर अनुशासन और उत्पादकता जरूरी है, लेकिन बिना उचित जांच के जबरन रिटायरमेंट देना गलत होगा।

सरकारी कार्यप्रणाली में आएगी पारदर्शिता

इस निर्णय से सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। अब कर्मचारियों को अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा, अन्यथा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़ सकता है। सरकार की इस नीति से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आने की भी उम्मीद है।

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