शहरों से लेकर गांवों तक अवैध कालोनियों (unauthorized colonies) में प्लाटिंग का खेल लंबे समय से चल रहा था। लेकिन अब जिला प्रशासन ने इस समस्या पर सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी अवैध कालोनी को एनओसी (No Objection Certificate) नहीं दी जाएगी। जिन एनओसी को पहले जारी किया गया था या जिनकी प्रक्रिया चल रही थी, उन्हें भी अब खारिज कर दिया गया है। यह कदम अवैध निर्माणकर्ताओं के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।
100 से ज्यादा अवैध कालोनियों की पहचान
दर्जा प्राप्त जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट विभाग की टीमों ने शहरभर में अवैध कालोनियों का विस्तृत सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। इस सर्वेक्षण के दौरान 100 से अधिक अवैध कालोनियों की पहचान की गई है। इन कालोनियों पर प्रशासनिक कार्रवाई का शेड्यूल तैयार कर लिया गया है और इसकी शुरुआत हो चुकी है। सबसे पहले कार्रवाई अनंगपुर और इस्माइलपुर में की गई है।
अनंगपुर में बड़ी कार्रवाई
अनंगपुर क्षेत्र में करीब पांच एकड़ जमीन पर अवैध कालोनी विकसित की जा रही थी। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस जमीन पर चल रहे निर्माण को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में 12 दुकानों, चार मकानों, एक प्रॉपर्टी डीलर ऑफिस और चार डीपीसी को तोड़ा गया। सहायक जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट सचिन कुमार चौधरी और जेई अमित कुमार की टीम ने इस ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई।
इस्माइलपुर में भी प्रशासन की सख्ती
इस्माइलपुर में भी अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। प्रशासन ने यहां पांच डीपीसी और चहारदीवारी को ध्वस्त किया। यह कार्रवाई प्रशासन के उस स्पष्ट संदेश को दर्शाती है कि अब अवैध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
अवैध निर्माणकर्ताओं के खिलाफ सख्त कदम
अवैध कालोनियों के खिलाफ यह अभियान केवल शुरुआत है। जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि ऐसे निर्माणकर्ताओं और उन्हें बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में, प्रशासन और भी कठोर कदम उठाने की योजना बना रहा है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अवैध निर्माण की गतिविधियां पूरी तरह से रोकी जाएं।
प्रशासन के सख्त कदमों से अवैध कालोनी निर्माताओं में हड़कंप
प्रशासन के इन सख्त कदमों ने अवैध कालोनी निर्माताओं में हड़कंप मचा दिया है। यह पहली बार है जब प्रशासन ने इतने बड़े स्तर पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे यह साफ हो गया है कि अब अवैध निर्माण को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा।