उत्तराखंड में राशन वितरण व्यवस्था में बड़े बदलावों की शुरुआत हो रही है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले की मंत्री रेखा आर्या ने घोषणा की है कि राशन उपभोक्ताओं को अब अनाज के साथ सरसों का तेल भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को इस योजना का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा, बल्कि प्रदेश की खाद्य सुरक्षा नीति में भी अहम योगदान देगा।
धान खरीद के आंकड़ों में वृद्धि का लक्ष्य
हाल ही में आयोजित वर्चुअल बैठक में मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड ने धान खरीद के क्षेत्र में संतोषजनक प्रदर्शन किया है। इसके आधार पर, उन्होंने अधिकारियों को अगले वित्तीय वर्ष में धान खरीद के आंकड़ों को और बढ़ाने के निर्देश दिए। राज्य का उद्देश्य है कि किसानों को अधिकतम समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके और राज्य की खाद्य आपूर्ति और मजबूत हो।
महिला आरक्षण और राशन डीलरों के लाभांश पर ध्यान
बैठक में राशन की दुकानों पर महिला आरक्षण को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। इसके अलावा, राशन डीलरों के परिवहन भाड़े और लाभांश के भुगतान की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया गया। मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दिसंबर 2024 तक सभी भुगतान कर दिए जाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले दो-तीन दिनों में प्राथमिकता के आधार पर कुछ भुगतान पूरे किए जाएंगे।
बजट प्रबंधन में पारदर्शिता की जरूरत
मंत्री रेखा आर्या ने जिला पूर्ति अधिकारियों से कहा कि राशन वितरण के लिए सही आकलन करके केंद्र से पर्याप्त बजट की मांग करें। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि किसी जिले से कम बजट की मांग की जाती है, तो बाद में इसे संशोधित करना मुश्किल होगा। यह निर्देश राशन वितरण में किसी भी रुकावट को रोकने और प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाने के लिए दिया गया।
राशन वितरण में सुधार की ओर नए कदम
बैठक में अंत्योदय कार्ड धारकों को एलपीजी गैस रिफिलिंग की सुविधा बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। साथ ही, मुख्यमंत्री नमक योजना की समीक्षा करते हुए जनता की प्रतिक्रिया पर ध्यान दिया गया। मंत्री ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि राज्य की राशन वितरण प्रणाली में सुधार जारी रहेगा।