मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के लिए शानदार अवसर सामने आया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने का ऐलान किया है। इस नीति के तहत मध्य प्रदेश में 37 हजार नौकरियां सृजित की जाएंगी, जिससे राज्य में आईटी और अन्य सेवा क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार की GCC पॉलिसी से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को ग्लोबल कंपनियों के साथ काम करने का मौका मिलेगा। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि बेरोजगारी दर में भी कमी आएगी। इस पहल से मध्य प्रदेश आईटी और बैक-ऑफिस सेक्टर में एक नई पहचान बना सकता है।
यह भी देखें: School Holiday: 5 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश! स्कूल, कॉलेज और सरकारी-निजी दफ्तर रहेंगे बंद
केंद्रीय बजट में बड़ा ऐलान
बजट 2025 में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी (GCC Policy) के तहत रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने 31 जनवरी 2025 को इस नीति को मंजूरी दी, जिससे अगले साल के भीतर 50 से ज्यादा जीसीसी सेंटर खोलने का लक्ष्य तय किया गया है। इस पहल के तहत राज्य के युवाओं को मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) में काम करने का सुनहरा मौका मिलेगा।
क्या है ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC)?
- ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) उन केंद्रों को कहा जाता है, जो विभिन्न देशों के बाजारों के लिए आईटी सेवाएं, कस्टमर सपोर्ट, डेटा एनालिटिक्स, ह्यूमन रिसोर्स और अन्य बैक-ऑफिस कार्य प्रदान करते हैं। ये सेंटर मैन्युफैक्चरिंग, मार्केटिंग और रिसर्च जैसी सेवाओं में भी मदद करते हैं। बड़े स्तर पर यह कंपनियों को ऑपरेशनल सपोर्ट देने का काम करते हैं।
मध्य प्रदेश में GCC से रोजगार के अवसर
- मध्य प्रदेश सरकार का उद्देश्य भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे टियर-2 शहरों को ग्लोबल ऑपरेशनल सेंटर (GOC) के रूप में विकसित करना है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा, बल्कि युवाओं को ग्लोबल कंपनियों में नौकरी करने का अवसर मिलेगा।
यह भी देखें: Gold Price Today: सोने-चांदी के दाम में भारी गिरावट, जानिए आज 10 ग्राम गोल्ड की नई कीमत
मुख्य आकर्षण
बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों का आकर्षण
- मध्य प्रदेश सरकार की GCC पॉलिसी के तहत माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon) और वॉलमार्ट (Walmart) जैसी प्रमुख कंपनियां राज्य में अपना ऑपरेशन शुरू करने के लिए तैयार हैं।
40% पूंजी निवेश सब्सिडी
- राज्य सरकार इन कंपनियों को 40% पूंजी निवेश सब्सिडी देगी। इसके अलावा, कंपनियों को 30 करोड़ रुपये तक की अधिकतम सब्सिडी मिल सकती है।
नौकरियां और निवेश
- इस योजना से राज्य में नए GCC सेंटर खुलेंगे, जिससे आईटी, बैक-ऑफिस सपोर्ट, कस्टमर सर्विस और प्रोफेशनल सर्विसेज में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
यह भी देखें: सरकार दे रही है फ्री स्कूटी! जानिए कौन उठा सकता है इस खास योजना का लाभ
कैसे मिलेगा रोजगार?
इस नीति के तहत स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। साथ ही, योग्य उम्मीदवारों को उनकी क्षमताओं के अनुसार नौकरियां दी जाएंगी।
छात्रों को मिलेगा फायदा
इस योजना से शैक्षिक संस्थानों और तकनीकी प्रशिक्षण केंद्रों में पढ़ रहे छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा। युवा कंप्यूटर साइंस, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT), बिजनेस मैनेजमेंट और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करके इन नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एमपी सरकार ने GCC पॉलिसी क्यों लागू की?
45 लाख रोजगार के अवसर (2030 तक)
भारत में GCC सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक इस क्षेत्र में 45 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में 26 लाख बेरोजगार युवा हैं, और इस पॉलिसी से राज्य को इस बढ़ते रोजगार अवसर का लाभ मिलेगा।
यह भी देखें: महिला दिवस पर बड़ा तोहफा! PM मोदी ने किया ऐलान, महिलाओं के खाते में आएंगे 2500 रुपये
आईटी सेक्टर में वेतन वृद्धि
मध्य प्रदेश में आईटी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, और GCC सेक्टर में वेतन अन्य आईटी कंपनियों की तुलना में 20% अधिक हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, AI/ML इंजीनियर का शुरुआती वेतन 8.2 लाख रुपये तक हो सकता है, जो अनुभव बढ़ने के साथ 43 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।
हर साल 50 हजार इंजीनियर पासआउट
मध्य प्रदेश में हर साल 50 हजार से ज्यादा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स पास होते हैं और 2 लाख से ज्यादा आईटी प्रोफेशनल्स राज्य में कार्यरत हैं। एमपी सरकार का मानना है कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर इन पेशेवरों को बेहतर नौकरी के अवसर प्रदान करेगा।