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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लिए बड़ी खबर! सरकार की 3 हजार रुपये पेंशन देने की तैयारी

उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए पेंशन योजना की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार का उद्देश्य महिलाओं को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। 3000 रुपये मासिक पेंशन के प्रस्ताव के साथ, यह योजना राज्य के रजत जयंती वर्ष में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगी।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लिए बड़ी खबर! सरकार की 3 हजार रुपये पेंशन देने की तैयारी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लिए बड़ी खबर

उत्तराखंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए धामी सरकार ने एक बड़ी खुशखबरी का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने उन्हें पेंशन की सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई है, जो उनके सामाजिक और आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाएगी। इस योजना का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को दिए हैं।

पेंशन योजना का प्रस्ताव

उत्तराखंड सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए पेंशन योजना का खाका खींचा है। प्रस्ताव के अनुसार, उन्हें 3000 रुपये तक की मासिक पेंशन दी जाएगी। यह योजना प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना के तहत कार्यान्वित की जाएगी। राज्य के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर, इस पहल को महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

योजना को लागू करने के लिए कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। इस प्रस्ताव के माध्यम से तीन योजनाओं में से किसी एक का चयन किया जाएगा, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का अंशदान जोड़ा जाएगा। कर्नाटक, केरल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में पहले से लागू पेंशन स्कीम को ध्यान में रखते हुए इस योजना को उत्तराखंड में भी शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मौजूदा स्थिति

वर्तमान में उत्तराखंड में लगभग 40,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं काम कर रही हैं। इसके अलावा, 7,000 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सरकार इस पेंशन योजना के माध्यम से रिटायरमेंट के बाद इन कार्यकर्ताओं को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।

योजना से होने वाले लाभ

यह योजना न केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए एक राहत साबित होगी, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण को भी बल प्रदान करेगी। पेंशन योजना के जरिए ये महिलाएं रिटायरमेंट के बाद आत्मनिर्भर बनेंगी और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पाएंगी।

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