हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को 15 फरवरी 2025 तक अपनी ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यदि यह प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा तक पूरी नहीं की गई, तो 125 यूनिट फ्री बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगा। राज्य के विभिन्न जिलों में इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में ऊर्जा विभाग और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए। सीएम ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आह्वान किया।
बिजली सब्सिडी योजना में बदलाव
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने साधन संपन्न उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक रूप से सब्सिडी छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत बोर्ड को अधिक दक्ष और व्यवसायिक बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीमंडल के सदस्यों ने खुद भी सब्सिडी छोड़ने का उदाहरण पेश किया है।
हिमाचल प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट बिजली पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। हालांकि, आर्थिक दबाव और संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना में संशोधन का निर्णय लिया है। अब यह सब्सिडी केवल जरूरतमंद उपभोक्ताओं को ही प्रदान की जाएगी।
निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाएं और नई पहल
बैठक में निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं की स्थिति की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए और कहा कि विद्युत बोर्ड की गतिविधियों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए नवीन तकनीकों का समावेश किया जा रहा है।
सरकार का उद्देश्य न केवल बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करना है, बल्कि रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देकर प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।