राजस्थान सरकार ने किसानों की सिंचाई समस्याओं को हल करने और भूजल स्तर में सुधार लाने के लिए खेत तालाब योजना (Farm Pond Scheme) शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में तालाब बनाने के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है। राज्य सरकार 1.35 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे किसानों को वर्षा जल संग्रहण और सिंचाई के लिए जल संरक्षण में सहायता मिल रही है।
नदी जोड़ो परियोजना और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार
राजस्थान सरकार ने किसानों की सिंचाई समस्याओं को स्थायी रूप से हल करने के लिए नदी जोड़ो परियोजनाओं पर भी काम शुरू किया है। हाल ही में मध्य प्रदेश के साथ मिलकर एक नदी जोड़ो परियोजना की शुरुआत की गई है, जो न केवल सिंचाई के लिए जल उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि खेती के लिए आवश्यक जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन भी करेगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को जल संकट से निजात दिलाना और कृषि उत्पादन में सुधार करना है।
खेत तालाब योजना में वित्तीय सहायता
खेत तालाब योजना के अंतर्गत किसानों को 1.35 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। बड़ी संख्या में किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है और अपने खेतों में तालाब बनाकर जल संकट को दूर किया है। जो किसान अभी तक इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए हैं, उन्हें राज्य सरकार ने राजकिसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने की सलाह दी है।
योजना के लिए पात्रता शर्तें
खेत तालाब योजना के लिए आवेदन करने के लिए किसानों को निम्नलिखित पात्रता शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
- आवेदक के पास आधार कार्ड या जनाधार कार्ड होना चाहिए।
- तालाब का क्षेत्रफल 400-1200 घनमीटर के बीच होना चाहिए।
- एकल या संयुक्त खातेदारी के लिए कम से कम 0.3 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए।
- खेती का सत्यापित नक्शा पटवारी द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
किसान अपनी पात्रता सुनिश्चित करने के लिए राजकिसान साथी मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
खेत तालाब योजना के लिए ऐसे करें आवेदन
इच्छुक किसान राजकिसान साथी पोर्टल (www.rajkisan.rajasthan.gov.in) पर जाकर आसानी से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए पोर्टल पर निर्देशित प्रक्रिया का पालन करें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
खेत तालाब योजना के लाभ
इस योजना के माध्यम से किसान न केवल जल संकट का समाधान कर सकते हैं, बल्कि अपनी खेती की उत्पादकता भी बढ़ा सकते हैं। खेत तालाब योजना के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
- बारिश के पानी को इकट्ठा करके सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सूखे के समय मवेशियों और कृषि कार्यों के लिए पानी की उपलब्धता।
- संरक्षित पानी का उपयोग कीटनाशकों के छिड़काव और अन्य कृषि कार्यों में किया जा सकता है।
- तालाब के माध्यम से जल पुनर्भरण होता है, जिससे भूजल स्तर में सुधार होता है।