![सावधान! घर में छप रहे ₹200 और ₹500 के नकली नोट, अब तक ₹20 लाख बाजार में खपाए!](https://rcisgbau.in/wp-content/uploads/2025/02/Fake-Currency-Printing-Racket-1024x576.jpg)
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय नकली नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में गिरोह के मुख्य सरगना समेत कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से लाखों रुपये के नकली नोट और उन्हें बनाने वाले उपकरण बरामद किए हैं।
इंदौर पुलिस की इस कार्रवाई से नकली नोटों के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जो देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी नागरिकों को नकली नोटों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।
यह भी देखें: Bihar Dakhil Kharij Status Check: घर बैठे ऐसे चेक करें अपना दाखिल ख़ारिज स्टेटस! बस इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें
गिरोह की गतिविधियाँ और गिरफ्तारी
इंदौर की लसूड़िया थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर देवास नाके से शुभम उर्फ पुष्पांशु रजक नामक आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके पास से 500 रुपये के कुल 46 नकली नोट बरामद हुए। पूछताछ में शुभम ने बताया कि उसने ये नकली नोट नसरुल्लागंज निवासी महिपाल उर्फ मोहित बेड़ा से खरीदे हैं। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने महिपाल को सीहोर जिले के नसरुल्लागंज से गिरफ्तार किया।
महिपाल से पूछताछ में पता चला कि नकली नोट नागपुर निवासी मनप्रीत सिंह विर्क द्वारा भेजे गए हैं। महिपाल ने अब तक मनप्रीत से 20 लाख रुपये के नकली नोट खरीदे हैं, जिन्हें उसने अनुराग चौहान (नसरुल्लागंज निवासी) और मोहसिन खान (खजराना, इंदौर निवासी) को बेचा है। इसके बाद पुलिस ने अनुराग और मोहसिन को भी गिरफ्तार किया और उनके पास से नकली नोट बरामद किए।
यह भी देखें: Gmail स्टोरेज हो गया फुल? बस इन आसान ट्रिक्स से चुटकियों में करें खाली और बचाएं स्पेस!
मुख्य सरगना की गिरफ्तारी और उपकरणों की बरामदगी
गिरोह के मुख्य सरगना मनप्रीत सिंह विर्क को नागपुर, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में मनप्रीत ने बताया कि वह अपने साथी मलकीत सिंह के साथ मिलकर किराए के फ्लैट में नकली नोट बनाता था। मलकीत सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने 3 लेजर कलर प्रिंटर, 2 लेमिनेशन मशीन, ए4 साइज के 85 जीएसएम कागज (जिन पर 500 और 200 रुपये के नकली नोट छपे थे), नोट बनाने में प्रयुक्त होने वाली वॉटरमार्क व्हाइट इंक आदि सामग्री जब्त की।
नकली नोटों का प्रसार
शुरुआती जांच के अनुसार, यह गिरोह अब तक 22 लाख रुपये के 500-500 रुपये के नकली नोट बाजार में चला चुका है। इन नकली नोटों को इंदौर, मुंबई और अन्य शहरों में खपाया गया है। गिरफ्तार आरोपियों ने दावा किया है कि उन्होंने टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो देखकर नकली नोट छापने की तकनीक सीखी है।
यह भी देखें: सरकार दे रही ₹2.5 लाख की मदद! जानें कौन से परिवार होंगे लाभार्थी और कैसे मिलेगा फायदा – जल्दी करें आवेदन!
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू कर दी है। गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए प्रयास जारी हैं। इसके साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि नकली नोटों का प्रसार किन-किन राज्यों में किया गया है और इससे जुड़े अन्य लोग कौन हैं।
नकली नोटों की पहचान और सावधानियाँ
नकली नोटों का प्रसार अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है। सभी नागरिकों को नकली नोटों की पहचान के प्रति जागरूक रहना चाहिए। नकली नोटों की पहचान के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:
- असली नोट का कागज विशेष प्रकार का होता है, जबकि नकली नोट में साधारण कागज का उपयोग किया जाता है।
- असली नोट में महात्मा गांधी का वॉटरमार्क होता है, जो रोशनी में देखने पर स्पष्ट दिखाई देता है।
- असली नोट में सिक्योरिटी थ्रेड होता है, जो नोट को मोड़ने पर रंग बदलता है।
- असली नोट में ‘RBI’ और मूल्य अंकन के माइक्रो लेटर्स होते हैं, जो ध्यान से देखने पर दिखाई देते हैं।
यह भी देखें: PM Sury Ghar Yojana में कम से कम कितने किलोवाट का सोलर पैनल लगा सकते हैं? जानें
यदि आपको किसी नोट के नकली होने का संदेह हो, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या बैंक अधिकारियों को सूचित करें। नकली नोटों का प्रसार कानूनी अपराध है, और इसके प्रति सतर्क रहना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।