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EPFO ने रचा इतिहास! 2024-25 में 5 करोड़ से ज्यादा प्रॉविडेंट फंड क्लेम किए गए सेटल

EPFO ने 2024-25 में रिकॉर्ड तोड़ 5.08 करोड़ क्लेम सेटल कर ₹2.05 लाख करोड़ जारी किए! ऑटो-क्लेम सेटलमेंट दोगुना, 97% प्रोफाइल करेक्शन बिना एम्प्लॉयर की मंजूरी! जानिए कैसे आपका पैसा भी तुरंत मिलेगा

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EPFO ने रचा इतिहास! 2024-25 में 5 करोड़ से ज्यादा प्रॉविडेंट फंड क्लेम किए गए सेटल
EPFO ने रचा इतिहास! 2024-25 में 5 करोड़ से ज्यादा प्रॉविडेंट फंड क्लेम किए गए सेटल

कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर आई है। ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation) ने वित्त वर्ष 2024-25 में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। संगठन ने 5 करोड़ से अधिक प्रॉविडेंट फंड क्लेम सेटल किए हैं, जो कि अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने साझा की। उन्होंने कहा कि इस अभूतपूर्व सफलता के पीछे संगठन द्वारा किए गए व्यापक सुधार और ऑटो-क्लेम सेटलमेंट सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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रिकॉर्ड तोड़ क्लेम सेटलमेंट

ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2024-25 में ₹2,05,932.49 करोड़ के 5.08 करोड़ क्लेम सेटल किए हैं। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कहीं अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 में ईपीएफओ ने ₹1,82,838.28 करोड़ के 4.45 करोड़ क्लेम सेटल किए थे।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, ईपीएफओ के ऑटो-क्लेम सिस्टम में सुधार के चलते क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया बेहद तेज हुई है। अब केवल तीन दिनों के भीतर आवेदन प्रोसेस किया जा रहा है। पिछले वित्त वर्ष में जहां 89.52 लाख ऑटो-क्लेम सेटल हुए थे, वहीं इस साल यह संख्या 1.87 करोड़ तक पहुंच गई है, जो कि दोगुनी वृद्धि को दर्शाता है।

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ईपीएफओ द्वारा किए गए सुधार

ईपीएफओ ने क्लेम सेटलमेंट को और तेज और सुगम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं:

  • ऑटो-क्लेम सेटलमेंट की सीमा और श्रेणी बढ़ाई गई
  • सदस्य प्रोफाइल करेक्शन प्रक्रिया को सरल बनाया गया, जिससे अब 97.18% प्रोफाइल करेक्शन खुद सदस्य कर सकते हैं।
  • प्रॉविडेंट फंड ट्रांसफर प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया
  • केवाईसी (KYC) अनुपालन को बेहतर बनाया गया, जिससे शिकायतों में कमी आई है।

क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया में बड़ा सुधार

ईपीएफओ ने क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और स्वचालित बना दिया है। अब केवल 8% ट्रांसफर क्लेम को ही मेंबर और एम्प्लॉयर की मंजूरी की आवश्यकता होती है। बाकी के 48% क्लेम बिना एम्प्लॉयर के हस्तक्षेप के सीधे मेंबर द्वारा सबमिट किए जा सकते हैं, जबकि 44% ट्रांसफर रिक्वेस्ट ऑटोमैटिक रूप से पूरी हो रही हैं

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श्रम मंत्री ने कहा कि सुधारों की वजह से क्लेम सेटलमेंट तेज हुआ है और ईपीएफओ के प्रति कर्मचारियों का विश्वास भी बढ़ा है।

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डिजिटल ट्रांसफर क्लेम में सुधार

ईपीएफओ ने प्रॉविडेंट फंड ट्रांसफर को लेकर भी बड़े सुधार किए हैं। अब मेंबर को ट्रांसफर क्लेम सबमिट करने के लिए न्यूनतम दस्तावेजों की जरूरत होती है। नए सिस्टम के तहत:

  • 97.18% प्रोफाइल करेक्शन बिना एम्प्लॉयर की मंजूरी के सीधे सदस्य कर सकते हैं
  • केवल 1% मामलों में ही एम्प्लॉयर की मंजूरी आवश्यक होती है
  • ऑटो-क्लेम प्रोसेसिंग की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है।

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ईपीएफओ सुधारों का प्रभाव

ईपीएफओ के इन सुधारों का असर यह हुआ है कि क्लेम सेटलमेंट अब अधिक पारदर्शी, तेज और सुविधाजनक हो गया है। मेंबर अब कम से कम समय में अपने क्लेम को सेटल करवा सकते हैं, जिससे उनकी वित्तीय समस्याओं का समाधान तेजी से हो रहा है।

श्रम मंत्री ने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए सुधारात्मक कदमों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार ईपीएफओ को डिजिटल और सरल बना रही है, जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ हो रहा है।

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