![बिजली बिल पर बड़ा अपडेट! स्मार्ट मीटर को लेकर बिजली विभाग की नई योजना, जानें क्या बदलेगा आपके बिल में?](https://rcisgbau.in/wp-content/uploads/2025/02/Electricity-Department-1024x576.jpg)
हल्द्वानी। ऊर्जा निगम आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य तेज़ी से कर रहा है। पहले यह योजना थी कि बिजली आपूर्ति को प्रीपेड मोड में बदला जाएगा, लेकिन उपभोक्ताओं में उहापोह की स्थिति को देखते हुए निगम ने अपनी नीति में बदलाव किया है। अब, स्मार्ट मीटर तो लगाए जाएंगे, लेकिन बिल की व्यवस्था फिलहाल पोस्टपेड ही रहेगी। उपभोक्ताओं को बिजली का बिल मौजूदा प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा और उसका भुगतान करना होगा, हालांकि, यह सुविधा अस्थायी रूप से दी जा रही है। जब नई प्रणाली पूरी तरह से समझ में आ जाएगी, तब प्रीपेड फीचर को सक्रिय कर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार की योजना के तहत लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर
देशभर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना केंद्र सरकार के तहत लागू की जा रही है। कुमाऊं मंडल में इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के साथ अनुबंध किया गया है। इस योजना के तहत तराई-भाबर क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में सभी उपभोक्ताओं के पुराने मीटरों को बदला जाएगा। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में केवल नगर मुख्यालयों में ही यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
6.55 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
ऊर्जा निगम ने कुमाऊं मंडल में 6.55 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना को तेजी से पूरा करने के लिए अनुबंधित कंपनी ने अब तक 2.50 लाख से अधिक घरों का सर्वे पूरा कर लिया है।
विशेष रूप से नैनीताल जिले में 1.82 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं, जिनमें से 70 हजार से अधिक घरों में सर्वे पूरा हो चुका है।
तीन चरणों में हो रहा स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन
ऊर्जा निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तीन चरणों में बांटा है:
- पहला चरण: निगम के उपकेंद्रों, कार्यालयों, अधिकारियों और कर्मचारियों के आवासों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।
- दूसरा चरण: सरकारी कार्यालयों और भवनों में नए मीटर लगने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
- तीसरा चरण: अब घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर बदले जा रहे हैं।
निगम ने काम में तेजी लाने के लिए अनुबंधित कंपनी को अपनी टीमें बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
उपभोक्ताओं पर नहीं बनेगा दबाव
स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में अनुबंधित कंपनी के कर्मचारियों द्वारा लोगों पर दबाव बनाने की कुछ शिकायतें सामने आई थीं। इस पर ऊर्जा निगम ने सख्त निर्देश दिए हैं कि उपभोक्ताओं पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा।
हालांकि, चरणबद्ध तरीके से मीटर बदले जाते रहेंगे, लेकिन यदि कोई उपभोक्ता खुद से नया मीटर लगवाना चाहता है, तो वह निगम से संपर्क कर सकता है।
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पोस्टपेड व्यवस्था में भी मोबाइल पर दिखेगा रिकॉर्ड
स्मार्ट मीटर को पोस्टपेड मोड में संचालित करने के बावजूद उपभोक्ताओं को डिजिटल रिकॉर्ड की सुविधा मिलेगी। स्मार्ट मीटर के साथ:
- उपभोक्ता अपने मोबाइल ऐप के जरिए बिजली खपत पर नजर रख सकेंगे।
- हर आधे घंटे या एक घंटे के समय अंतराल में बिजली उपयोग की स्थिति देखी जा सकेगी।
- ऊर्जा निगम के कंट्रोल रूम से भी प्रत्येक उपभोक्ता के बिजली खपत का रिकॉर्ड मॉनिटर किया जाएगा।
स्मार्ट मीटर के फायदे
- रियल-टाइम डेटा: उपभोक्ता बिजली खपत को लाइव देख सकते हैं।
- सटीक बिलिंग: अनुमानित बिल की जगह सटीक बिल मिलेगा।
- रिमोट कंट्रोल: मीटर को दूरस्थ रूप से पढ़ा और नियंत्रित किया जा सकता है।
- कम उपभोक्ता शिकायतें: गलत बिलिंग और रीडिंग संबंधी समस्याएं खत्म होंगी।
- ऊर्जा की बचत: उपभोक्ता अपनी बिजली खपत को नियंत्रित कर सकते हैं।
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ऊर्जा निगम की योजना आगे क्या?
ऊर्जा निगम स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने के लिए प्रयासरत है। भविष्य में सभी उपभोक्ताओं को प्रीपेड मोड में शिफ्ट किया जा सकता है, लेकिन यह चरणबद्ध तरीके से होगा।
निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। बिजली आपूर्ति पहले की तरह ही बनी रहेगी, और किसी भी नई प्रणाली को लागू करने से पहले उपभोक्ताओं को पूरी जानकारी दी जाएगी।